फाइल फोटो- पुलिस और ममता बनर्जी
West Bengal News: टीएमसी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सजनूर परवीन नाम की एक महिला ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बांग्ला भाषा को लेकर टीएमसी ने केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ पहले ही मोर्चा खोला हुआ है। अब सजनूर परवीन के आरोपों ने राजधानी दिल्ली का सियासी पारा और बढ़ा दिया है। प्रेस वार्ता में पीड़िता सजनूर ने कहा कि खुद को दिल्ली पुलिस बताने वाले चार लोगों ने उस पर बांग्लादेशी होने का झूठा आरोप लगाया। इसके बाद उसे एक सुनसान जगह पर ले गए और उसे उसके बच्चे के साथ प्रताड़ित किया जबरन वसूली की।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को एक वीडियो पोस्ट कर आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस ने एक ऐसे बच्चे को भी नहीं बख्शा जिसकी मातृभाषा बंगाली है। ममता के इस पोस्ट के बाद दिल्ली पुलिस ने प्रताड़ित करने के आरोपों से इनकार किया था, जिसके कुछ दिन बाद सजनूर ने प्रेस वार्ता में ये आरोप लगाए।
परवीन ने आरोप लगाया कि दो पुरुषों व दो महिलाओं ने खुद को दिल्ली पुलिसकर्मी बताकर 25 जुलाई को हमारे घर पर छापा मारा, हमारे आधार कार्ड जांचे। वे मेरे पति को तलाश रहे थे, जो उस समय काम के सिलसिले में बाहर गए हुए थे। उन्होंने हमें बांग्लादेशी कहा जबकि हम उन्हें लगातार पश्चिम बंगाल से होने के बारे में बताते रहे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया, “वे अगले दिन फिर आए और हमें एक सुनसान जगह पर ले गए, जहां हमसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा। मैंने उनसे कहा कि मैं मुसलमान हूं और मना कर दिया। उन्होंने मुझे थप्पड़ मारे और मेरे पेट में लात मारी। उन्होंने मेरे बच्चे को भी पीटा।”
Atrocious!! Terrible!!
See how Delhi police brutally beat up a kid and his mother, members of a migrant family from Malda’s Chanchal.
See how even a child is not spared from the cruelty of violence in the regime of linguistic terror unleashed by BJP in the country against the… pic.twitter.com/IwAXkQwy9V
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) July 27, 2025
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के भाई और भाजपा सांसद सौमेंदु अधिकारी ने तथ्यों को कथित तौर पर तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली के मंदिर मार्ग थाने में मुख्यमंत्री बनर्जी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जबकि प्रेस वार्ता के तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष परवीन और उनके परिवार के साथ कोलकाता के प्रगति मैदान थाने गए और दिल्ली पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
खुद को मालदा जिले के चंचल इलाके की मूल निवासी बताने वाली और प्रवासी के रूप में अपने परिवार के साथ दिल्ली में रह रही परवीन ने राष्ट्रीय राजधानी में कथित यातना का विवरण दिया। परवीन ने यहां तृणमूल कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से कहा, “जब उन्होंने मेरे बच्चे की पिटाई की तो उसके कान से खून बहने लगा और हमें इलाज भी नहीं दिया गया।” उन्होंने दावा किया, “दिल्ली पुलिस ने हमें बताया कि पश्चिम बंगाल के लोगों का मतलब बांग्लादेशियों से है। उन्होंने हमें रिहा करने से पहले 25,000 रुपये भी वसूले।”
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महिला ने दिल्ली पुलिस पर जबरन कागजों पर हस्ताक्षर कराने, उसका मोबाइल फोन छीन लेने और उन्हें किसी से मिलने नहीं देने का भी आरोप लगाया। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को ममता बनर्जी द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो को ‘‘मनगढ़ंत” और ‘‘राजनीति से प्रेरित” करार दिया था। वीडियो में आरोप लगाया गया था कि राष्ट्रीय राजधानी में बांग्ला भाषी एक महिला और उसके बच्चे पर भाषा को लेकर हमला किया गया। -एंजेसी इनपुट के साथ