
अवैध बांग्लादेशियों को डिटेंशन सेंटर भेजेगी योगी सरकार (सोर्स- सोशल मीडिया)
Yogi Government Preparing to Send Detention Center Illegal Bangladeshis: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों, खासकर बांग्लादेशियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। इस निर्देश के बाद, पुलिस प्रशासन पूरी तरह से एक्टिव हो गया है और इनकी तलाश के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया गया है। मकसद स्पष्ट है, अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजना और फिर वापस उनके देश भेजना। यह कार्रवाई राज्य की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की तलाश में जुट गया है। इन नागरिकों को खोजकर डिटेंशन सेंटर में भेजने की तैयारी चल रही है। इसी क्रम में, राजधानी लखनऊ की पुलिस ने हाल ही में एक बड़ा तलाशी अभियान चलाया, जिससे इस मुद्दे पर सरकार की गंभीरता जाहिर होती है।
लखनऊ में यह विशेष कार्रवाई मुख्य रूप से लखनऊ एयरपोर्ट के आस-पास की झुग्गियों (झोपड़ियों) में की गई। पुलिस को इन इलाकों में संदिग्ध विदेशी नागरिकों के होने की सूचना मिली थी। डीसीपी निपुण अग्रवाल की अगुवाई में पुलिस की टीमों ने इन बस्तियों की जांच की। इन झुग्गियों में रहने वाले लोगों पर अवैध रूप से बांग्लादेशी होने का संदेह है, हालाकि, जांच के दौरान निवासियों ने खुद को असम का मूल निवासी बताया है।
झुग्गियों में रहने वाले लोगों का दावा है कि वे लगभग 13 साल पहले रोजी-रोटी की तलाश में लखनऊ आए थे और अब यहीं कूड़ा बीनने का काम करते हैं। पुलिस की पूछताछ के दौरान, इन संदिग्धों ने अपने पास आधार कार्ड, एनआरसी (NRC) से संबंधित दस्तावेज और अन्य वैध पहचान पत्र होने का दावा किया। उनका कहना था कि जब उनके पास सभी जरूरी और वैध दस्तावेज मौजूद हैं, तो उन्हें पुलिस की इस जांच से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।
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लखनऊ के अलावा, अब यह अभियान पूरे उत्तर प्रदेश में जोर-शोर से चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि जितने भी अवैध बांग्लादेशी या अन्य संदिग्ध विदेशी नागरिक राज्य में पाए जाएंगे, उन्हें तुरंत पकड़कर डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा। इसके बाद, उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए उन्हें वापस उनके मूल देश भेजने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। यह कदम राज्य में अवैध घुसपैठ को रोकने और आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।






