
कफ सिरप के मास्टर सप्लायर अमित टाटा गिरफ्तार, बाहुबली के साथ कनेक्शन की चर्चा
UP STF Action: सोशल मीडिया पर पंजाबी गानों और रील के जरिए अपना भौकाल दिखाने वाले अमित टाटा का असली चेहरा अब दुनिया के सामने आ गया है। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने 100 करोड़ रुपये के कोडीन सिरप रैकेट का पर्दाफाश करते हुए इसके मास्टर सप्लायर अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा को गिरफ्तार कर लिया है। जौनपुर का रहने वाला यह शख्स सिर्फ रील बनाने तक सीमित नहीं था बल्कि नशे के एक ऐसे साम्राज्य का अहम खिलाड़ी था जो युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर रहा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद न केवल अपराध जगत में बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हड़कंप मच गया है।
उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने जब इस सिंडिकेट की परतें खोलीं तो हैरान करने वाले राज सामने आए। अमित टाटा कोडीन युक्त फेन्सेडिल कफ सिरप और अन्य नशीली दवाओं की तस्करी का मुख्य जरिया बना हुआ था। जांच में पता चला है कि इस पूरे काले कारोबार का असली मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल है जो पुलिस की कार्रवाई की भनक लगते ही परिवार समेत दुबई भाग चुका है। अमित टाटा की गिरफ्तारी के बाद अब आजाद अधिकार सेना ने जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की भूमिका की जांच की मांग भी कर दी है जिससे मामला और गरमा गया है।
अमित टाटा की गिरफ्तारी के दौरान बरामद हुई फॉर्च्यूनर गाड़ी ने जांच एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। इस गाड़ी का नंबर 9777 है जो पूर्वांचल के एक बड़े बाहुबली नेता के काफिले की पहचान मानी जाती है। सोशल मीडिया पर अमित टाटा की उस बाहुबली के साथ कई तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं जो उनके करीबी रिश्तों की गवाही दे रही हैं। हालांकि पुलिस ने अपनी एफआईआर में सीधे तौर पर किसी बाहुबली का नाम शामिल नहीं किया है लेकिन एक ही नंबर की गाड़ियों का कनेक्शन और वायरल तस्वीरें यह बताने के लिए काफी हैं कि इस सिंडिकेट की जड़े कितनी गहरी और रसूखदार लोगों तक फैली हुई हैं। बता दें कि टाटा की वीडियो और तमाम तस्वीरे जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के साथ सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
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जांच में यह बात भी सामने आई है कि अमित टाटा नशे के कारोबार से कमाई गई काली दौलत के दम पर खादी पहनने की तैयारी में था। वह जौनपुर के रामपुर ब्लॉक से ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ने की योजना बना रहा था। वह अपनी अवैध कमाई को राजनीतिक ताकत में बदलने की फिराक में था लेकिन एसटीएफ की इस कार्रवाई ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया है। अमित टाटा की गिरफ्तारी ने साबित कर दिया है कि रील की दुनिया का दबदबा असल जिंदगी के कानून के सामने नहीं चल सकता। अब देखना यह होगा कि एसटीएफ की जांच में और कितने सफेदपोश चेहरे बेनकाब होते हैं।






