सीएम योगी आदित्यनाथ (सोर्स: सोशल मीडिया)
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बेसिक शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने, बच्चों की शत-प्रतिशत स्कूल उपस्थिति सुनिश्चित करने, संसाधनों के कुशल उपयोग और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 06 से 14 वर्ष तक की आयु का एक भी बच्चा स्कूल से वंचित न रहे, विद्यालय प्रबंध समिति (प्रधानाचार्य एवं ग्राम प्रधान) यह सुनिश्चित करें। इस दिशा में ‘स्कूल चलो अभियान’ का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए ताकि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से न छूटे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले प्रत्येक छात्र-छात्रा के अभिभावकों के बैंक खाते में यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, स्टेशनरी एवं पाठ्य सामग्री हेतु 1200 रुपए की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाए। उन्होंने कहा कि यह कार्य पारदर्शिता एवं समयबद्धता के साथ किया जाए ताकि लाभार्थियों को समय पर सहायता मिल सके और पाठ्य सामग्री की व्यवस्था बाधित न हो।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जिन विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, वहां संसाधनों की आपूर्ति तत्काल सुनिश्चित की जाए ताकि बच्चों को सुरक्षित, स्वच्छ एवं सुविधाजनक वातावरण में अध्ययन का अवसर प्राप्त हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विद्यालयों की पेयरिंग व्यवस्था को दूरगामी एवं व्यापक दृष्टिकोण के साथ लागू किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं शिक्षकों, सभी के हित में है। इससे न केवल संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार सुनिश्चित होगा।
यह भी पढ़ें:- किसी शूद्र…अखिलेश ने बीच सड़क अनिरुद्धाचार्य को दिया प्रवचन, Video मचा रहा धूम
जिन विद्यालयों में 50 से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, उन्हें स्वतंत्र विद्यालय के रूप में संचालित करने के निर्देश दिए, ताकि प्रशासनिक सुविधा, जवाबदेही एवं शैक्षणिक निगरानी अधिक प्रभावी ढंग से की जा सके।
पेयरिंग व्यवस्था के कारण खाली हुए विद्यालय भवनों को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि वहां बाल वाटिकाएं/प्री-प्राइमरी स्कूल संचालित की जाएं। साथ ही, इन भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों को स्थानांतरित किया जाए ताकि शिशु शिक्षा का आधार सुदृढ़ हो और विद्यालय परिसरों का उपयोग बहुपर्यायी रूप से हो सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया तय समय-सीमा के भीतर पूरी की जाए और इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।
बैठक में शिक्षकों के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विद्यालयों में शिक्षक-छात्र अनुपात आदर्श स्थिति में होना चाहिये। उन्होंने निर्देश दिये कि रिक्तियों के सापेक्ष अधियाचन तत्काल भेजा जाए और नियुक्ति प्रक्रिया समयबद्ध ढंग से पूरी की जाए।