
अखिलेश य़ादव और सीएम योगी
UP Politics: यूपी में विधानसभा सत्र के बीच ब्राह्मण विधायकों की बैठक ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। भाजपा विधायक इस बैठक को सामाजिक मुद्दे पर चर्चा मानते हुए, इसे राजनीति से जोड़ने की आशंका जताई जा रही है। इस बैठक के बाद विभिन्न कयास लगाए जा रहे हैं, खासकर भाजपा के ब्राह्मण विधायकों की उपेक्षा पर चर्चा के बीच।
हाल ही में क्षत्रिय और कुर्मी समाज की भी बैठकें हो चुकी हैं, जिससे यह कयास और भी मजबूत हो गए हैं। भाजपा के भीतर ब्राह्मणों की उपेक्षा के आरोप पहले ही लगाए जाते रहे हैं। माना जा रहा है कि यह बैठक पार्टी और सरकार के भीतर एकजुटता का संदेश देने के लिए आयोजित की गई थी।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने भाजपा के विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर तंज कसा है, जिससे भाजपा के लिए यह एक राजनीतिक चुनौती बन गई है।
कुशीनगर के भाजपा विधायक पंचानंद पाठक के राजधानी स्थित आवास पर मंगलवार को यह बैठक हुई। बताया जा रहा है कि इस बैठक में भाजपा के लगभग 40 ब्राह्मण विधायक और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) शामिल हुए, जिनमें ज्यादातर बुंदेलखंड और पूर्वांचल से थे। इसके अलावा अन्य दलों के ब्राह्मण विधायकों ने भी बैठक में भाग लिया।
बैठक में समाज की एकजुटता बढ़ाने और इसका स्पष्ट संदेश देने पर जोर दिया गया। साथ ही, पिछले कुछ समय में समाज के खिलाफ राजनीति में उठे मुद्दों पर भी चर्चा की गई। बैठक में यह भी बात की गई कि भाजपा की सफलता में ब्राह्मणों की बड़ी भूमिका होने के बावजूद, उन्हें संगठन और सरकार में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। खबरों के मुताबिक, बैठक में यह भी चर्चा की गई कि भाजपा में दूसरी जातियों को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है, जबकि ब्राह्मणों को कम सम्मान मिल रहा है। बैठक में मीरजापुर विधायक रत्नाकर मिश्रा, शलभ मणि त्रिपाठी, ऋषि त्रिपाठी, प्रेमनारायण पांडेय, प्रकाश द्विवेदी, रमेश मिश्रा, अंकुर राज तिवारी, विनय द्विवेदी, और एमएलसी साकेत मिश्रा समेत कई अन्य प्रमुख नेता शामिल थे।
बैठक के आयोजक विधायक पंचानंद पाठक ने कहा कि यह बैठक एक भोज कार्यक्रम था, जिसमें प्रदेश के ब्राह्मण जनप्रतिनिधि और भूमिहार बिरादरी के जनप्रतिनिधि शामिल हुए। उन्होंने इसे एक औपचारिक वार्ता और सामान्य भोज कार्यक्रम बताया और इसे राजनीति से जोड़े जाने को नकारा।
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यह टिप्पणी की कि जब बड़े लोग आ ही रहे हैं, तो मुख्यमंत्री को उन्हें उस भोज के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए, जो उनके खिलाफ विधायकों द्वारा आयोजित किया गया था। वहीं शिवपाल यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मीडिया से ही उन्हें पता चला कि भाजपा के लोग जातिवाद को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा से नाराज ब्राह्मण विधायक सपा में शामिल होते हैं, तो उन्हें पूरा सम्मान मिलेगा।






