यूपी मदरसा एक्ट रहेगा बरकरार
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) पर फैसले के साथ आज UP मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004 पर भी अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मदरसा एक्ट की वैधता को बरकरार रखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है।
जानकारी दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश को आज खारिज कर दिया जिसमें उसनेउत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम को खारिज कर दिया गया था और राज्य से विद्यार्थियों को अन्य विद्यालयों में भर्ती करने को कहा था।
#WATCH | Supreme Court upholds constitutional validity of ‘Uttar Pradesh Board of Madrasa Education Act 2004’.
Advocate Anas Tanveer says, “Supreme Court has set aside Allahabad HC’s verdict that Madrasa Board Act is against secularism principle as laid down by the Constitution.… pic.twitter.com/UPrFTIThAK
— ANI (@ANI) November 5, 2024
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इस मामले पर CJI डी वी चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा की, यह धर्मनिरपक्षेता के सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करता है। इसके साथ ही अदालत ने 2004 के उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम की वैधता बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत आज कहा कि मदरसा बोर्ड रोजमर्रा के कामकाज में कोई भी दखल नहीं देता है। वह सिर्फ गुणवत्ता सुधारने की कोशिश करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि, अब राज्यों का दायित्व है कि वे यह सुनिश्चित करें कि न्यूनतम मानक बनाए रखे जाएं। बोर्ड और राज्य सरकार के पास मदरसों को विनियमित करने का अधिकार है।हालांकि साथ ही अदालत ने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन के लिए मदरसों को सरकार जरुर रेगुलेट कर सकती है।
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#WATCH | Supreme Court upholds constitutional validity of ‘Uttar Pradesh Board of Madrasa Education Act 2004’.
Lucknow Eidgah Imam & member of All India Muslim Personal Law Board, Maulana Khalid Rasheed Firangi says, “…this decision has brought joy to the people related to… pic.twitter.com/QplAhoUKv0
— ANI (@ANI) November 5, 2024
इससे पहले बीते 5 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने ही मदरसा अधिनियम को असंवैधानिक करार देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए केंद्र और UP सरकार से जवाब मांगा था। वहीं हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मदरसा संचालकों का कहना था कि, इससे 17 लाख मदरसा छात्र और 10 हजार शिक्षक प्रभावित होंगे।
यह भी कहा गया था कि, मदरसों में वही पाठ्यक्रम होता है, जिसे राज्य सरकार ने मान्यता दे रखी है। इस समस कुल 16,500 मदरसे यूपी मदरसा एजुकेशन बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं। लेकिन उनमें से सिर्फ 560 मदरसों को ही सरकार से आर्थिक सहायता मिलती है।