मायावती और अखिलेश यादव (साेर्स: एएनआई)
लखनऊ: 2019 के लोकसभा चुनाव में देश के सबसे बड़े सूबे में दो ध्रुर विरोधियों ने एक साथ आकर सबको चौंका दिया था। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन कर यह चुनाव लड़ा लेकिन चुनाव परिणामों के बाद यह गठबंधन टूट गया। गठबंधन टूटने को लेकर अब दोनों पार्टियों ने नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने में लगे हुए हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी द्वारा कार्यकर्ताओं के बीच बांटी जाने वाली ‘बहुजन समाज पार्टी पुस्तिका’ में सपा से गठबंधन टूटने के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी है।
बसपा की इस पुस्तिका के खुलासों के बारे में गुरुवार को एक कार्यक्रम में जब पत्रकारों ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि ”जिस समय गठबंधन टूटा, उस समय मैं आजमगढ़ में एक सभा में मंच पर था। सपा और बसपा के कार्यकर्ता व नेता वहां मौजूद थे। किसी को नहीं पता था कि गठबंधन टूटने जा रहा है। मैंने यह पूछने के लिए खुद फोन मिलाया था कि आखिरकार यह गठबंधन क्यों तोड़ा जा रहा है।”
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अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि ”लोकसभा चुनाव-2019 में उत्तर प्रदेश में बसपा के 10 व सपा के पांच सीट जीतने के बाद गठबंधन टूटने के बारे में उन्होंने सार्वजनिक तौर पर भी यही कहा कि सपा प्रमुख ने उनके फोन का भी जवाब देना बंद कर दिया था।”
मायावती ने कहा कि ”बीएसपी सैद्धान्तिक कारणों से गठबंधन नहीं करती और अगर बड़े उद्देश्यों को लेकर कभी गठबंधन करती है तो फिर उसके प्रति ईमानदार भी जरूर रहती है। सपा के साथ सन 1993 व 2019 में हुए गठबंधन को निभाने का भरपूर प्रयास किया गया, किन्तु ‘बहुजन समाज’ का हित व आत्म-सम्मान सर्वोपरि है।”
1. लोकसभा चुनाव-2019 में यूपी में BSP के 10 व SP के 5 सीटों पर जीत के बाद गठबंधन टूटने के बारे में मैंने सार्वजनिक तौर पर भी यही कहा कि सपा प्रमुख ने मेरे फोन का भी जवाब देना बंद कर दिया था जिसको लेकर उनके द्वारा अब इतने साल बाद सफाई देना कितना उचित व विश्वसनीय? सोचने वाली बात। — Mayawati (@Mayawati) September 13, 2024
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बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए ‘एक्स’ पर लिखा कि ”मैं सभी को यह बताना चाहता हूं कि 2019 के लोकसभा आम चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन टूटने की वजह सपा मुखिया खुद हैं।” उन्होंने कहा कि बहनजी (मायावती) के फोन करने से पहले उन्होंने खुद सपा प्रमुख को फोन किया, लेकिन बात नहीं हो पाई।
सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि इसके बाद पार्टी कार्यालय से फोन किया गया और एक बार फिर सपा प्रमुख से बात नहीं कराई गई। मिश्रा ने कहा कि फिर भी बसपा प्रमुख ने बड़े होने के नाते सपा प्रमुख को फोन करके हौसला बढ़ाने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने बात नहीं की। उन्होंने कहा कि इस सबके परिणामस्वरूप बसपा को गठबंधन तोड़ना पड़ा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)