
जौनपुर में लगा बोर्ड।
Restaurant Board Controversy: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में मुस्लिम दुकानदार द्वारा रेस्टोरेंट के बोर्ड पर उर्दू में हलाल शब्द लिखवाने पर विवाद शुरू हो गया है। किसी ने बोर्ड का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया, जिससे बाद बवाल खड़ा हो गया।
पूरा मामला जिले के शाहगंज का है। यहां बॉम्बे रेस्टोरेंट का बोर्ड चर्चा का विषय बना है। कुछ लोगों का दावा है कि जौनपुर रोड पर मिल्लतनगर के पास संचालित इस रेस्टोरेंट के बाहर लगे साइन बोर्ड से भ्रम की स्थिति पैदा हो रही। साइन बोर्ड पर उर्दू में लिखा गया एक शब्द लोगों का ध्यान खींच रहा, जिसे लेकर तरह-तरह की बातें की जा रहीं।
इस रेस्टोरेंट के मालिक फैजान अहमद ने अपने बोर्ड पर उर्दू में हलाल शब्द लिखवाया था। इस बोर्ड को हाल में लगाया गया था। रेस्टोरेंट के मालिक फैजान के मुताबिक, पुरान साइन बोर्ड खराब हो गया था। इस पर मैंने उर्दू में कोने में हलाल शब्द लिखवाया था। मुझे नहीं मालूम था कि इससे इतना बड़ा हंगामा खड़ा हो जाएगा, न ही मालूम था कि यह गैर-कानूनी है।
लोगों के मुताबिक, रेस्टोरेंट के बाहर लगे बोर्ड पर लिखे उर्दू शब्द को लेकर उन्हें सही जानकारी नहीं थी। जैसे ही साइन बोर्ड की फोटो वायरल हुई, मामला और ज्यादा चर्चा में आ गया। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को लेकर तरह-तरह प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इससे विवाद की स्थिति बनती नजर आ रही है।
प्रदेश सरकार ने 18 नवंबर 2023 को हलाल सर्टिफाइड खाद्य उत्पादों पर बड़ा फैसला लिया था। फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने डेयरी, बेकरी, तेल, नमकीन समेत हलाल सर्टिफिकेट वाले खाद्य उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी है। विभाग ने इसे खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत गैर-कानूनी प्रणाली बताया है, जो उपभोक्ताओं में भ्रम उत्पन्न करती है। वैसे, निर्यात के लिए हलाल सर्टिफिकेट की मंजूरी दी है, क्योंकि कई मुस्लिम देशों में यह अनिवार्य होता है। उत्तर प्रदेश मीट एक्सपोर्ट में अहम भूमिका निभाता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील ज्ञान रंजन ने बताया कि भले सरकार ने हलाल सर्टिफिकेट पर प्रबंध लगाया है, लेकिन उर्दू में साइन बोर्ड पर हलाल शब्द लिखना गैर-कानूनी नहीं है। आर्टिकल 19 (1) (ए) तहत हलाल लिखवाना संरक्षित है। शर्त है कि इस शब्द का गलत इस्तेमाल न हो। वकील ने बताया कि फैजान अहमद का साइन बोर्ड पर हलाल शब्द लिखवाना गैर-कानूनी नहीं है।
वैसे, स्थानीय स्तर पर कहा जा रहा कि यह मामला किसी तरह के सर्टिफिकेट या प्रमाण पत्र से जुड़ा नहीं है। कुछ लोगों का कहना है कि साइन बोर्ड पर लिखा गया शब्द सिर्फ भाषा से संबंधित हो सकता है। इसका सीधा संबंध किसी प्रतिबंधित सर्टिफिकेशन से नहीं भी हो सकता। इसके बावजूद मामले ने तूल पकड़ लिया है। रेस्टोरेंट मालिक का दावा है कि उसके पास रेस्टोरेंट चलाने के कानूनी दस्तावेज हैं।
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खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवाशीष उपाध्याय का कहना है कि किसी प्रतिष्ठान के साइन बोर्ड पर ऐसा कोई शब्द पाया जाता है, जो मौजूदा नियमों के खिलाफ है तो उसे अवैध माना जा सकता है। वैसे, वास्तविक स्थिति जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी। रेस्टोरेंट के साइन बोर्ड की फोटो वायरल हुई है, जिसे विभाग ने संज्ञान में लिया है। मामले की जांच के लिए संबंधित क्षेत्र के इंस्पेक्टर को मौके पर भेजा जा रहा है। जांच के दौरान देखा जाएगा कि साइन बोर्ड पर लिखा गया शब्द नियमों के अनुरूप है या नहीं है।






