
महावितरण (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Yavatmal Electricity News: यवतमाल में बिजली बिल वसूली को लेकर महावितरण ने सख्त रुख अपनाया है। नवंबर माह की डिमांड की वसूली में विफल रहने पर अमरावती परिमंडल के 5 अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए उनके वेतन से एक-तिहाई राशि की कटौती की गई है, जबकि 26 क्षेत्रीय अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
मुख्य अभियंता अशोक सालुंके ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि जिम्मेदारी में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा बिजली बिल वसूली और सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। मुख्य अभियंता ने कहा कि शत-प्रतिशत बिजली बिल वसूली पर ही महावितरण का अस्तित्व निर्भर है।
अपेक्षित वसूली न होने के कारण अक्टूबर 2025 के अंत तक अमरावती परिमंडल में निम्न दाब श्रेणी के घरेलू, वाणिज्यिक, औद्योगिक, जलापूर्ति योजनाओं, पथदीपों एवं अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं पर कुल 906 करोड़ रुपये की बकाया राशि थी। इसमें अमरावती जिले के 369 करोड़ 79 लाख रुपये तथा यवतमाल जिले के 536 करोड़ 52 लाख रुपये शामिल हैं।
नवंबर माह में अमरावती जिले में 89 करोड़ 76 लाख रुपये और यवतमाल जिले में 55 करोड़ 69 लाख रुपये की वसूली की गई, लेकिन इसके बावजूद अब भी 755 करोड़ रुपये की बिजली बिल बकाया है। बिजली बिल वसूली के लिए महावितरण ने आक्रामक अभियान शुरू कर दिया है।
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बकायादार उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति तत्काल बंद करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, वसूली में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कठोर कार्रवाई करने के निर्देश मुख्य अभियंता ने दिए हैं।
महावितरण के अनुसार, प्रत्येक माह की डिमांड से अधिक वसूली होने पर ही कुल बकाया राशि कम की जा सकती है। नवंबर माह की डिमांड वसूली न होने के कारण जिन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है या जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें अमरावती जिले के 4 और यवतमाल जिले के 27 अधिकारी शामिल हैं।






