अखिलेश यादव, राम गोपाल यादव, राहुल गांधी (फोटो- नवभारत डिजाइन)
लखनऊः समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव में मिलकर उत्तर प्रदेश में बड़ी सफलता हासिल की थी। ऐसा लग रहा था कि ये सफलता दोनों पार्टियों की बीच की खाई को भर देगी, लेकिन अभी तक ऐसा होता नहीं दिख रहा है। समाजवादी पार्टी का मानना है कि इसके लिए कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है। अखिलेश यादव के चाचा व राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस पार्टी को जमकर कोसा है।
इंडिया गठबंधन की स्थिति को लेकर पूछ गए सवाल उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान यह तय किया गया था कि हर राज्य में इंडिया गठबंधन के साझेदार उस पार्टी का समर्थन करेंगे जो भाजपा को हराने में सबसे बेहतर स्थिति में होगी। उदाहरण के लिए, हम दिल्ली में आप का समर्थन कर रहे हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कांग्रेस के खिलाफ हैं।”
’37 सांसदों वाली पार्टी से बात तक नहीं कर रही थी कांग्रेस’
उन्होंने कहा कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में हमने कांग्रेस पार्टी का समर्थन किया था, लेकिन कांग्रेस के अहंकार ने उनको डूबा दिया। इतना ही नहीं उन्होंने तीसरी बार NDA सरकार बनने का ठीकरा भी कांग्रेस पर फोड़ा है। राम गोपाल यादव ने हरियाणा चुनाव को लेकर कहा कि हमने 6 सीटें मांगी थी। अगर अखिलेश यादव और राहुल गांधी साथ में प्रचार करते तो कम से कम कांग्रेस पार्टी की 20 सीटें बढ़ जातीं। हालांकि ऐसा नहीं हो पाया। राम गोपाल ने कहा जब हमने अखिलेश यादव से पूछा कि हरियाणा में गठबंधन को लेकर क्या हुआ तो उन्होंने कहा कि वो लोग बात ही नहीं कर रहे हैं। सपा सांसद ने कहा कि 37 सांसदों वाली पार्टी से आप बात तक नहीं कर रहें हैं, अगर कल सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे तो हमारे बिना कैसे करेंगे।
‘कांग्रेस के कारण तेजस्वी नहीं बन पाए मुख्यमंत्री’
लोकसभा चुनाव के बाद विपक्ष की गति खोने के सवाल पर रामगोपाल ने कहा कि “मैं क्या कह सकता हूं? कांग्रेस का अहंकार नहीं होता तो देश की ये स्थिति थोड़ी होती?” इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि 2020 में कांग्रेस पार्टी की वजह से बिहार में तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सभी पार्टियों का स्ट्राइक रेट 50 प्रतिशत से ऊपर रहा, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने 73 सीटें ली और जीती मात्र 19 सीटें। उन्होंने कहा कि लोकसभा में बिहार को छोड़ दें हर राज्य में क्षेत्रीय दलों का प्रदर्शन कांग्रेस पार्टी से बेहतर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी यादव बिहार में सीएम होते विपक्ष लोकसभा की 30 सीटें जीतता।
यूपी कांग्रेस को सपा नेता की चुनौती
रामगोपाल ने आगे कहा कि यूपी में उनके पास कुछ भी नहीं है लेकिन हमने उन्हें सीटें दीं क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि वे यह आरोप लगाएं कि हम भाजपा को हराना नहीं चाहते। अगर हम उनका समर्थन नहीं करेंगे तो वे विधानसभा चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल पाएंगे। दिल्ली को लेकर सपा नेता ने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ जो बातें भाजपा नहीं बोल रही है वो कांग्रेस बोल रही है। दोनों पार्टियों की एक ही भाषा है। अगर भाजपा दिल्ली जीतती है, तो आने वाला समय बताएगा कि इसका विपक्ष पर कितना प्रतिकूल असर पड़ता है।