सीएम योगी, बृजभूषण शरण सिंह (फोटो-सोशल मीडिया)
लखनऊः भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह का सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने का मन हो गया। इससे पहले दोनों नेताओं में मनमुटाव की खबरें चल रहीं थी। सीएम योगी से अपने संबंधों को लेकर बृजभूषण शरण सिंह एक ही लाइन दोहराते नजर आते हैं। वो कहते हैं कि उन्हें लेकर कोई उलझन नहीं है, बस अभी मिलने का मन नहीं है। पूर्व सांसद की ये लाइनें संकेत देती हैं कि उनके रिश्ते सीएम योगी से ठीक नहीं हैं, लेकिन आज अचानक बृजभूषण सीएम ऑफिस पहुंच गए।
मिली जानकारी के मुताबिक सीएम योगी और बृजभूषण शरण सिंह की मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली। हालांकि इस मुलाकात को शिष्ठाचार भेंट बताया गया है, लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा है कि इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं की दूरियां खत्म हो सकती हैं। ये पहली बार है, जब बृजभूषण सीएम आवास पर पहुंचे हैं।
बृजभूषण योगी को नेता नहीं मानते
दरअसल बृजभूषण शरण सिंह यूपी के अवध से आते हैं और सीएम योगी पूर्वांचल से आते हैं। दोनों क्षेत्र एक दूसरे से सटे हुए हैं। दोनों नेता सियासी रूप से एक दूसरे के विरोधी रहे हैं। इस बात को बृजभूषण ने कभी नहीं छिपाया। कई मौकों पर उन्होंने योगी को नेता मानने से इंकार कर दिया। वो कहते हैं कि योगी हमारे मुख्यमंत्री हैं, नेता नरेंद्र मोदी हैं।
बृजभूषण ने कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई
आज सीएम योगी से मिलकर बृजभूषण निकले तो मुलाकात को लेकर पूछे गए सवालों पर बृजभूषण ने कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई। इसको उन्होंने शिष्टाचार भेंट बताते हुए कुछ भी बोलने से मना कर दिया। हालांकि बृजभूषण भले ही अलग-अलग मौकों पर अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे हों, लेकिन उनके दोनों बेटे प्रतीक भूषण और करण भूषण सीएम योगी से मिलते रहते हैं।
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चुनावी समीकरणों के लिहाज से मुलाकात अहम
इस मुलाकात की सही वजह नहीं पता चल पाई है, लेकिन कई सालों बाद हुई इस मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। खासकर पूर्वांचल की राजनीतिक और 2027 के चुनावी समीकरणों के लिहाज से यह मुलाकात काफी अहम है।
राजपूत वोट बैंक पर बृजभूषण का प्रभाव
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज से बीजेपी के सांसद रहे हैं। इसके अलावा डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इन्होंने राम मंदिर आंदोलन के में सक्रिय भूमिका निभाई है। बृजभूषण का गोंडा-बहराइच के इलाकों में मजबूत सियासी पकड़ है। इसके अलावा गोंडा के आस पास के चार जिलों में राजपूत वोट पर बृजभूषण का गहरा प्रभाव है।