लखनऊ में प्रदर्शन
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार यानी आज शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के आवास का घेराव भी किया है। हालांकि शिक्षक दिवस यानी पांच सितंबर को और बड़े पैमाने पर प्रदर्शन यानी महा धरना होने का संकेत है।
क्या है मामला
2018 में 68500 प्राथमिक विद्यालय के लिए शिक्षक पद की भर्ती आई थी। इसके बाद सुपर टेट में 40 हजार अभ्यर्थी पास हुए। इसके बाद 26500 पद खाली हाे गया। सरकार के नियम के मुताबिक 150 में 49.5 नंबर मार्क्स की मेरिट तय की गई। जबकि कई अभ्यर्थी तय किए गए मेरिट को हासिल नहीं कर पाए। इसके बाद कुछ अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील दायर की कि जब इतना सीट अभी भी खाली है तो मेरिट गिराकर 33 नंबर कर दी जाए।
मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंड पीठ कर रही थी। 6 साल से चल रहे मामले में फैसला सुनाया गया कि मेरिट नहीं गिराई जाएगी। साथ ही अदालत ने सरकार को 27713 पदों पर भर्ती कराने का आदेश दिया।
अदालत ने सरकार को लगाई फटकार
यही नहीं पीठ ने सरकार को आदेश के अलावा फटकार भी लगाई। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंड पीठ ने कहा कि अगर सरकार इन खाली पदों की अगर भर्ती नहीं करा पा रही है तो इसका स्पष्ट कारण बकायदे हिंदी और अंग्रेजी अखबार में दें।
अब विरोध क्यों
दरअसल, उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग ने एक विज्ञप्ति जारी किया गया कि प्राथमिक शिक्षा के लिए शिक्षकों की कुल 51 हजार शिक्षक पद रिक्त है। अब अभ्यर्थियों की दो मांग है। पहला 2018 शिक्षक पदों की भर्ती के मामले की सुनवाई होते हुए 6 साल हो गए। इतने में कई छात्र बीटीसी कर चुके हैं। यानी बीटीसी करने वाले छात्रों की संख्या बढ़ी है यानी अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ गई है।
ऐसे में अभ्यर्थियों की मांग है कि न सिर्फ 27 हजार बल्कि टोटल रिक्त 51 हजार शिक्षक पदों पर सरकार भर्ती कराए। इसके अलावा उम्र में रियायत दी जाए यानी एज लिमिट बाउंडेशन को बढ़ा दिया जाए।
अभ्यर्थियों का क्या कहना है
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रह कर टेट, सुपर टेट की तैयारी कर रहे सूचित सिंह ने बताया कि आज लखनऊ में हो रहा प्रदर्शन महज शुरुआत है। अभ्यर्थियों की ओर से शिक्षक दिवस पर यानी 5 सितंबर काे महा धरना किया जाएगा।