अखिलेश यादव (फोटो-सोशल मीडिया)
Akhilesh Yadav On Vote Theft: ‘वोट चोरी’ बिहार में SIR के खिलाफ विपक्षी दलों ने मोर्चा खोला हुआ है। निशाने पर इलेक्शन कमीशन और भाजपा है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बिहार में तेजस्वी यादव के साथ वोट अधिकार यात्रा निलाकने चले गए तो दिल्ली की सियासी जंग का मोर्चा अखिलेश यादव ने संभाल लिया है। बीते दिनों ने संसद परिसर में चुनाव आयोग के हलफनामे के जवाब में पत्रकारों को सपा द्वारा चुनाव आयोग को भेजे गए हलफनामे की कॉपियां वितरित की।
यूपी से दिल्ली तक अखिलेश यादव के हलफनामे चर्चा में आए तो चुनाव आयोग सामने आया और कहा कि समाजवादी पार्टी की तरफ से भेजे गए एक भी हलफनामे नहीं मिले हैं। वहीं दूसरी तरफ जिस जिले में जिलाधिकारी के पास हलफनामे जमा करवाए गए थे। उसके डीएम ने कहा कि हलफनामा मिला था।
अब इसी मामले पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने टुंडला में बुधवार को चुनाव आयोगी की चुटकी ली। उन्होंने कहा कि मझे खुशी है कि लड़ाई अब हमसे हटकर चुनाव आयोग और जिलाधिकारियों की बीच में हो गई है। क्योंकि चुनाव आयोग अभी तक कह रहा था कि कोई सूची नहीं मिली है। वहीं डीएम लोग कह रहे हैं कि उन्हें सूची मिली है। ये झगड़ा हमारा नहीं है। अब चुनाव आयोग और जिलाधिकारियों की बात है। डीएम रिपोर्ट लगाएंगे और चुनाव आयोग तय करेगा।
“मुझे खुशी है इस बात की कि हमसे हटकर लड़ाई अब चुनाव आयोग और डीएम के बीच में हो गई है। क्योंकि अभी तक चुनाव आयोग कह रहा था उन्हें कोई सूची नहीं मिली है और डीएम यह कह रहे हैं कि उन्हें सूची मिल गई है।”
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी, टूंडला pic.twitter.com/cZdpTlQV61
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) August 20, 2025
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वहीं इससे पहले यादव ने सोशल मीडिया लिखा कि अचानक से जिलों के जिलाधिकारी एक्टिव हो गए हैं। सपा द्वारा की गई चुनावी शिकायतों का जवाब दे रहे हैं। पूर्व सीएम ने लिखा “जिस तरह कासगंज, बाराबंकी, जौनपुर के DM हमारे 18000 शपथपत्रों के बारे में अचानक अति सक्रिय हो गये हैं, उसने एक बात तो साबित कर दी है कि जो चुनाव आयोग कह रहा था कि ‘एफ़िडेविट की बात गलत है’ मतलब एफ़िडेविट नहीं मिले, उनकी वो बात झूठी निकली।
अगर कोई एफ़िडेविट मिला ही नहीं, तो ये ज़िलाधिकारी लोग जवाब किस बात का दे रहे हैं। अब सतही जवाब देकर ख़ानापूर्ति करेनवाले इन ज़िलाधिकारियों की संलिप्तता की भी जाँच होनी चाहिए। कोर्ट संज्ञान ले, चुनाव आयोग या डीएम में से कोई एक तो गलत है ही ना?”