अयोध्या में एक और ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी, फोटो - सोशल मीडिया
अयोध्या : राम लला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर एक और ऐतिहासिक क्षण की ओर बढ़ रहा है। मई महीने में भगवान राम को राजा के रूप में प्रतिष्ठित किया जाएगा, जब मंदिर के पहले तले पर राम दरबार की स्थापना के साथ विशेष प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित होगा।
यह आयोजन पिछले वर्ष 22 जनवरी को हुए विराट समारोह की तुलना में कम भव्य होगा, लेकिन आध्यात्मिक दृष्टि से उतना ही महत्वपूर्ण होगा। पिछला आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ था, जिसमें देश-विदेश से आए करीब 8,000 श्रद्धालुओं ने भाग लिया था।
इंडियन एक्सप्रेस में छपे रिपोर्ट की माने तो, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर निर्माण कार्य 15 अप्रैल तक पूरा हो जाएगा। लगभग 20,000 घन फुट पत्थर अब लगाए जाने बाकी हैं, और 25 मार्च से 15 अप्रैल के बीच शेष मूर्तियों की स्थापना की जा रही है।
राम दरबार की श्वेत मकराना संगमरमर की प्रतिमाएं जयपुर के मूर्तिकार प्रशांत पांडे और उनकी 20 सदस्यीय टीम द्वारा बनाई जा रही हैं। वहीं, राम लला की 51 इंच की मूर्ति प्रसिद्ध कर्नाटक शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई थी।
रामचरितमानस के रचयिता संत तुलसीदास की विशाल प्रतिमा भी मंदिर परिसर में स्थापित की जा रही है। इसके अतिरिक्त, 20 एकड़ भूमि को प्रकृति के अनुरूप सौंदर्यीकृत किया जा रहा है। मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में हुआ है। इसकी लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। मंदिर में कुल 392 स्तंभ और 44 दरवाजे हैं, जो इसे भव्यता प्रदान करते हैं।
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मुख्य मंदिर स्थल से लगभग 4 किलोमीटर दूर एक भव्य रामकथा अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय भी तैयार हो रहा है, जिसमें होलोग्राम तकनीक के माध्यम से भगवान राम को जीवंत रूप में अनुभव किया जा सकेगा। इसके अलावा, रामायण की घटनाओं का इमर्सिव सफर और 200 वर्षों के राम मंदिर आंदोलन का भी दस्तावेजीकरण होगा।