BSUP लाभार्थियों का शीघ्र खत्म होगा वनवास (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Mira-Bhayandar: मीरा- भाईंदर मनपा क्षेत्र के जनतानगर स्लम में बीएसयूपी (Basic Services for Urban Poor) योजना के अंतर्गत बने मकानों का लंबे समय से इंतज़ार कर रहे पात्र लाभार्थियों के लिए खुशखबरी है। उनका वनवास शीघ्र खत्म होगा ।महाराष्ट्र राज्य के परिवहन मंत्री एवं धाराशिव जिले के पालक मंत्री प्रताप इंदिराबाई बाबूराव सरनाईक ने घोषणा की है कि सभी आवश्यक कार्यवाही पूरी कर जल्द ही पात्र परिवारों को इन घरों की चाबियाँ सौंपी जाएँगी।
यह योजना कई वर्षों से लंबित पड़ी थी और नागरिकों में असंतोष बढ़ रहा था। मंत्री सरनाईक ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मनपा और आवास विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि तकनीकी समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए और चाबियाँ सौंपने की प्रक्रिया में कोई और देरी न हो।
बीएसयूपी योजना में यह भी सामने आया है कि कुछ आवास फर्जी लाभार्थियों के नाम पर आवंटित किए गए हैं। इस पर मंत्री सरनाईक ने नाराज़गी जताते हुए मीरा-भाईंदर एवं वसई-विरार के पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) को जाँच करने और दोषियों पर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “गरीबों का हक़ मारने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
पात्र नागरिकों की वास्तविक और सटीक पहचान सुनिश्चित करने के लिए मंत्री सरनाईक ने एक महीने के भीतर बायोमेट्रिक सर्वेक्षण पूरा करने का आदेश दिया है। इस सर्वेक्षण के बाद लाभार्थियों की फाइनल सूची तैयार होगी, जिससे किसी भी तरह की गड़बड़ी या फर्जीवाड़े की संभावना ख़त्म होगी।
“आवास समस्या का समाधान मेरी प्राथमिकता”मंत्री सरनाईक ने ” नवभारत ” को बताया कि “मीरा-भाईंदरकरों की आवास समस्या का स्थायी समाधान निकालना मेरी प्राथमिकता है। बीएसयूपी योजना के अंतर्गत हम पात्र परिवारों को सुरक्षित, पक्का और सम्मानजनक घर उपलब्ध कराएँगे। बहुत जल्द लाभार्थियों को चाबियाँ सौंपी जाएँगी और उनका वर्षों पुराना सपना पूरा होगा। ”
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इस घोषणा के बाद जनतानगर और आसपास के इलाकों में रह रहे नागरिकों में उत्साह का माहौल है। कई परिवारों का कहना है कि वर्षों से वे इस योजना का इंतज़ार कर रहे थे और अब उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें अपना घर मिल जाएगा।
बीएसयूपी योजना के तहत घरों का वितरण न केवल गरीब परिवारों को राहत देगा, बल्कि यह मीरा-भाईंदर शहर के समग्र विकास में भी एक अहम पड़ाव साबित होगा। शहर में झोपड़पट्टियों का बोझ कम होगा और नागरिकों का जीवन स्तर सुधरेगा।