गोरखपुर एयरपोर्ट (सोर्स - सोशल मीडिया)
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर एयरपोर्ट की खराब व्यवस्था एक बार फिर सामने आई है। गुरुवार रात को इंडिगो एयर के विमान के एयरपोर्ट पर पहुंचने के बावजूद भी यात्री डेढ़ घंटे तक विमान में ही फंसे रहे। सबसे बड़ी बात यह रही कि इस विमान में केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा भी मौजूद थे। विमान में मौजूद 220 यात्रियों को डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक विमान के अंदर ही फंसे रहना पड़ा। गोरखपुर एयरपोर्ट की मिसमैनेजमेंट की यह पहली कहानी नहीं है, इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है।
एयरपोर्ट पर एक बार फिर खराब व्यवस्था का मामला सामने आया है। एयरपोर्ट पर एप्रन खाली न होने की वजह से विमान को टैक्सीवे पर रोकना पड़ा। इस वजह से यात्रियों को करीब डेढ़ घंटे तक विमान में ही फंसे रहना पड़ा। विमान के अंदर केंद्रीय मंत्री भी मौजूद थे। करीब 220 यात्री इस परेशानी का शिकार हुए है। गोरखपुर एयरपोर्ट पर इस तरह का मामला पहले भी सामने आ चुका है।
क्या है पूरा मामला?
गुरुवार की शाम गोरखपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों को एक बार फिर परेशानी का सामना करना पड़ा। इसकी वजह एयरपोर्ट की लचर व्यवस्था रही। दिल्ली से गोरखपुर आने वाली इंडिगो की फ्लाइट को दोपहर 3:15 बजे गोरखपुर एयरपोर्ट पर उतरना था। फ्लाइट लेट होने की वजह से विमान शाम 4:05 बजे ही उतर सका। इसके बाद केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा समेत 220 यात्री डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक विमान में फंसे रहे। एयरपोर्ट पर एप्रन खाली न होने की वजह से विमान को टैक्सीवे पर रोकना पड़ा। इससे तमाम यात्री विमान में फंस गए। गर्मी और उमस से यात्रियों का हाल बेहाल हो गया था। इस लचर व्यवस्था की वजह से पहले से खड़े विमानों को शाम करीब 5:25 बजे हटाया जा सका। इसके बाद विमान में फंसे यात्री शाम 6:00 बजे बाहर आ सके। मंत्री ने उठाए सवाल गोरखपुर एयरपोर्ट से बाहर आए यात्री काफी नाराज दिखे। केंद्रीय मंत्री भी नाराज दिखे। उन्होंने एयरपोर्ट की व्यवस्था पर सवाल उठाए। इंडिगो एयरलाइंस का यह विमान शाम 7:00 बजे के बाद ही वापस दिल्ली के लिए उड़ान भर पाया। इसी विमान से केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा भी लौट रहे थे।
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पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
गोरखपुर एयरपोर्ट पर इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है, जब यात्रियों को एयरपोर्ट प्रबंधन की खराब व्यवस्था का सामना करना पड़ा है। इससे पहले 26 फरवरी, 15 मार्च, 27 मार्च और 9 अप्रैल को भी खराब व्यवस्था के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। प्रबंधन बार-बार यही कहता है कि जल्द ही इसमें सुधार कर लिया जाएगा।