satellite जो नेपाल पर रखेगा नजर। (सौ. Freepik)
नवभारत टेक डेस्क: उत्तर प्रदेश सरकार अब नेपाल से सटी 579 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सैटेलाइट की मदद से सख्त निगरानी रखेगी। इससे न सिर्फ घुसपैठ और सोने की तस्करी पर लगाम लगेगी, बल्कि सीमा पर स्थित मदरसों से होने वाली संदिग्ध आतंकी गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखी जा सकेगी। यह कदम सुरक्षा व्यवस्था को आधुनिक और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
यह सैटेलाइट न केवल सुरक्षा के लिए बल्कि मौसम से जुड़ी आपदाओं जैसे बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और बाढ़ के पूर्वानुमान में भी अहम भूमिका निभाएगा। इसके माध्यम से किसानों को समय रहते अलर्ट जारी किए जा सकेंगे, जिससे फसलों को होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार इस महत्वाकांक्षी सैटेलाइट परियोजना को इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की सहायता से पूरा करेगी। अनुमान है कि इस पर करीब 500 करोड़ रुपये की लागत आएगी। विश्व बैंक पोषित परियोजना ‘यूपी एग्रीज’ ने इसमें 200 करोड़ की सहायता देने की मंजूरी भी प्रदान कर दी है।
इस सैटेलाइट की मदद से वनों की अवैध कटाई, संवेदनशील भौगोलिक क्षेत्रों में सुरक्षा प्रबंधन और कृषि निगरानी जैसे कई क्षेत्रों में उपयोग संभव होगा। सरकार की योजना है कि यह सैटेलाइट उत्तर प्रदेश को तकनीकी दृष्टि से आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाएगा।
इस प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के लिए उपयुक्त एजेंसी का चयन शीघ्र ही किया जाएगा। पहले यह जिम्मेदारी ‘यूपी डास्थ’ को दी गई थी, लेकिन अब इसे रिमोट सेंसिंग सेंटर से कराने पर विचार किया जा रहा है।
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असम भारत का पहला राज्य बनने जा रहा है, जिसके पास अपना उपग्रह ‘असमसैट’ होगा। इसी राह पर चलते हुए यूपी अब दूसरा राज्य बनने की ओर अग्रसर है, जो अपनी सैटेलाइट से निगरानी करेगा।