ChatGPT को लेकर CEO ने की बात। (सौ. Freepik)
जब से OpenAI ने ChatGPT को लॉन्च किया है, यह AI टूल दुनियाभर में सुर्खियों में रहा है। खासकर हाल ही में Ghibli ट्रेंड के चलते चैटजीपीटी की चर्चा और तेज हो गई है। आज लाखों लोग इसका इस्तेमाल लेखन, रिसर्च और सलाह लेने जैसे कामों में कर रहे हैं। लेकिन क्या यह टूल हर बार आपको सही जानकारी देता है? क्या इस पर पूरी तरह भरोसा करना सही है?
हाल ही में OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने एक अहम बयान दिया है जिसने टेक वर्ल्ड में हलचल मचा दी है। कंपनी के आधिकारिक पॉडकास्ट के पहले एपिसोड में बोलते हुए उन्होंने कहा, “लोग चैटजीपीटी पर बहुत ज्यादा विश्वास कर रहे हैं, जो दिलचस्प है क्योंकि AI भ्रम पैदा कर सकता है। ये ऐसी तकनीक है जिस पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए।” उनकी इस सलाह से यह स्पष्ट होता है कि चैटजीपीटी जैसे बड़े भाषा मॉडल्स से उपयोगकर्ता को सतर्क रहना चाहिए।
चैटजीपीटी को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह डेटा में पैटर्न देखकर अगले शब्द की भविष्यवाणी करता है। हालांकि यह इंसानों की तरह चीजों को “समझता” नहीं है। कई बार यह पूरी तरह से मनगढ़ंत या गलत जानकारी भी दे सकता है। तकनीकी भाषा में इसे “Hallucination” यानी भ्रम कहा जाता है।
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सैम ऑल्टमैन ही नहीं, AI के गॉडफादर कहे जाने वाले Geoffrey Hinton भी इस बात पर जोर देते हैं कि AI बेशक सहायक हो सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल सोच-समझकर होना चाहिए। आज जब AI हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनता जा रहा है, तो जरूरी है कि किसी भी AI टूल की जानकारी पर आंख बंद कर विश्वास न करें। “Trust, but verify.” यानी “भरोसा करें, मगर पहले तथ्यों की पुष्टि करें” — यही आज के AI युग में सबसे जरूरी सलाह बन गई है।