Sunita Williams के लगातर वजन के गिरने से NASA भी चिंता में आ गई है। (सौ. X)
नवभारत डिजिटल डेस्क. भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री Sunita Williams के वजन में अचानक और निरंतर गिरावट के कारण NASA के डॉक्टरों के सामने एक नई स्वास्थ्य चुनौती उत्पन्न हो गई है। जून 2024 में जब वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंची थीं, तब से उनका वजन घटता जा रहा है, जो अब डॉक्टरों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।
हाल ही में जारी की गई तस्वीरों में सुनीता का दुबला-पतला रूप देखकर NASA के विशेषज्ञ और चिकित्सक उनकी सेहत को लेकर अधिक सतर्क हो गए हैं। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, NASA के एक अधिकारी ने बताया कि सुनीता का वजन बहुत कम हो चुका है और अब वह काफी दुबली नजर आ रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी प्राथमिकता सुनीता का वजन सामान्य स्तर पर लाना है ताकि उनकी सेहत में सुधार हो सके।
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Sunita Williams और उनके साथी Barry Wilmore को 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर के जरिए अंतरिक्ष भेजा गया था। हालांकि, मिशन की शुरुआत में इसे सिर्फ आठ दिनों के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन स्टारलाइनर में तकनीकी समस्या आने के बाद उनका अंतरिक्ष में रहने का समय बढ़ गया। इस लंबी अवधि ने उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। अब उनका मिशन आठ महीने तक खिंच गया है, और उनकी पृथ्वी पर वापसी फरवरी 2025 तक हो पाएगी। इस कारण नासा अब उनकी सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरत रहा है।
अंतरिक्ष में वजन कम होना एक सामान्य घटना है, जो लंबे अंतरिक्ष मिशनों में अक्सर देखी जाती है। रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर रहने वालों की तुलना में अधिक कैलोरी की आवश्यकता अनुभव करते हैं। सुनीता का मिशन शुरू होने पर उनका वजन 63.5 किलोग्राम था, लेकिन उच्च कैलोरी डाइट के बावजूद उनका वजन घटता गया। NASA के विशेषज्ञों का कहना है कि एक सामान्य अंतरिक्ष यात्री को हर दिन 3500 से 4000 कैलोरी की आवश्यकता होती है ताकि उनका वजन स्थिर रहे। इसके साथ ही, जीरो ग्रेविटी में शरीर को फिट रखने के लिए प्रतिदिन लगभग दो घंटे व्यायाम करना भी जरूरी होता है, जिससे कैलोरी खर्च होती है और वजन में कमी आती है।
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NASA के डॉक्टरों ने सुनीता के स्वास्थ्य पर एक महीने पहले से ध्यान देना शुरू कर दिया है और उन्हें हर दिन 5000 कैलोरी तक खाने की सलाह दी है। इससे उनके शरीर की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकेगी और उनका वजन स्थिर रहेगा। इसके अलावा, NASA के शोधों से यह भी पता चला है कि अंतरिक्ष यात्रा का प्रभाव महिलाओं पर पुरुषों की तुलना में ज्यादा नकारात्मक होता है। 2023 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, महिलाओं में मांसपेशियों का नुकसान पुरुषों के मुकाबले अधिक होता है, जिसके कारण महिला अंतरिक्ष यात्रियों को विशेष ध्यान और सावधानी की आवश्यकता होती है।