इस आविशकार से होगा फोन को फायदा। (सो. AI)
प्रयागराज: भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) प्रयागराज के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज की है, जो स्मार्टफोन से लेकर मेडिकल उपकरणों तक की कार्यक्षमता को बेहतर बना सकती है। वैज्ञानिकों ने ‘मोलिब्डेनम डाई सल्फाइड’ (MoS₂) नामक सेमीकंडक्टर पर गहन शोध किया है, जिससे मोबाइल फोन अब कम गर्म होंगे और बैटरी भी ज्यादा समय तक चलेगी।
ट्रिपल आईटी के सूचना एवं संचार विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सीतांगशू भट्टाचार्य, डॉ. रेखा वर्मा और शोध छात्र रिषभ सारस्वत की टीम ने यह साबित किया है कि MoS₂ को दबाने या खींचने पर यह लाइट उत्पन्न करता है और बहुत कम बिजली में अधिक ऊर्जा देता है। यह खोज न केवल मोबाइल फोन के लिए, बल्कि लेजर लाइट, एलईडी बल्ब, लैपटॉप, और ऑप्टिकल फाइबर जैसे उपकरणों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
भारत में डिजिटल असमानता: 32% महिलाएं अब भी दूसरों के मोबाइल पर निर्भर
इस शोध के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (SERB) से 37 लाख रुपये की ग्रांट प्राप्त हुई है। यह शोध प्रतिष्ठित ‘फिजिकल रिव्यू बी’ जर्नल (USA) में प्रकाशित भी हुआ है, जो इसकी वैज्ञानिक उपयोगिता और गुणवत्ता को दर्शाता है।
डॉ. भट्टाचार्य ने बताया, “अगर इसी सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल कर मोबाइल, लैपटॉप या लेजर लाइट बनाई जाए तो कम बिजली की खपत में यह अधिक ऊर्जा देगा। इससे मोबाइल कम गर्म होंगे और बैटरी की क्षमता बढ़ेगी।” यह तकनीक मेडिकल उपकरणों, RC सर्किट और ऑप्टिकल डिवाइसेज में भी प्रयोग की जा सकती है।