Juno Spacecraft का अंत। (सौ. ai)
NASA Juno Mission: सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति का रहस्य उजागर करने वाला NASA का जूनो अंतरिक्ष यान अब अपने सफर के अंत की ओर है। आठ वर्षों तक ग्रह के वायुमंडल, चंद्रमाओं और आंतरिक संरचना का अध्ययन करने के बाद यह मिशन सितंबर में समाप्त किया जाएगा। NASA ने बताया कि वैज्ञानिक अगले महीने इस यान को बृहस्पति के वायुमंडल में प्रवेश कराकर नियंत्रित तरीके से नष्ट कर देंगे।
जूनो को NASA ने 2011 में लॉन्च किया था। इसने लगभग 1.7 अरब मील की लंबी यात्रा के बाद जुलाई 2016 में बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश किया। शुरुआती योजना के अनुसार इस मिशन की समयसीमा जुलाई 2021 तक तय थी, लेकिन यान ने अनुमान से कहीं अधिक समय तक काम किया और लगातार उपयोगी आंकड़े भेजता रहा।
जूनो को बृहस्पति की 33 कक्षीय परिक्रमाओं के लिए डिजाइन किया गया था। मिशन का प्रमुख उद्देश्य ग्रह के वायुमंडल, मौसम प्रणाली और चंद्रमाओं के विस्तार का अध्ययन करना था। उम्मीद से अधिक समय तक सक्रिय रहने के दौरान इस यान ने ग्रह के बारे में कई अनोखी और महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।
जूनो ने बृहस्पति के घने बादलों की परत को भेदकर उसके असली स्वरूप को उजागर किया। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस मिशन ने न केवल बृहस्पति की संरचना और आंतरिक भाग के बारे में हमारी समझ को बदला, बल्कि सौरमंडल के निर्माण को लेकर भी नई जानकारियां दीं।
NASA ने कहा कि, “जूनो मिशन ने विशाल ग्रह के बारे में हमारी सोच को एक नई दिशा दी है। इसने हमें यह समझने में मदद की कि बृहस्पति और सौरमंडल कैसे बने और विकसित हुए।”
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जूनो पर लगे हाई-टेक कैमरा जूनोकैम ने बृहस्पति की शानदार और अभूतपूर्व तस्वीरें भेजीं। इन तस्वीरों ने ग्रह के विशाल तूफानों, बादलों की परतों और अद्भुत वायुमंडलीय गतिविधियों को करीब से दिखाया।
सितंबर में जूनो का अंत भले ही हो जाएगा, लेकिन इसकी खोजें और भेजी गई तस्वीरें आने वाले दशकों तक वैज्ञानिकों के लिए शोध का आधार बनी रहेंगी। यह मिशन NASA के इतिहास में बृहस्पति के रहस्यों को उजागर करने वाली सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाएगा।