एयरटेल, जियो और वीआई, (सौ. Design)
नवभारत डिजिटल डेस्क : “ये रिचार्ज प्लान और कितना महंगा होगा रे बाबा… अब तो मोबाइल चलाना भी लग्जरी हो गया है…” चाय की चुश्की और हाथ में मोबाइल फोन स्क्रॉल करते हुए रमेश की ये बात सुनकर आजू-बाजू के सभी लोग ठहाका तो लगाने लगे, लेकिन दिल में चुभन जरूर हुई। आज जब देश के लगभग हर हाथ में स्मार्टफोन है, तब मोबाइल रिचार्ज प्लान की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी आम आदमी की परेशानी बढ़ा रही है।
देश में मोबाइल एक आम जरूरत बन चुका है। स्कूल के बच्चों से लेकर दफ्तर के प्रोफेशनल्स तक, सभी के लिए इंटरनेट और कॉलिंग अनिवार्य हो गया है। लेकिन अब लगता है जैसे कंपनियों ने मोबाइल सेवा को कमाई का सबसे बड़ा जरिया बना लिया है।
पिछले साल जुलाई में ही प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने अपने रिचार्ज प्लान्स की कीमतों में इजाफा किया था। और अब रिपोर्ट्स का दावा है कि इस साल नवंबर-दिसंबर तक फिर से कीमतें बढ़ सकती हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले साल प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने अपने टैरिफ में 600 रुपये तक की बढ़ोतरी कर दी थी।
एक आम उपभोक्ता पहले से ही 200 के आसपास का खर्च हर 28 दिन में एक बेसिक रिचार्ज पर करता है। लेकिन अगर रेट्स फिर से बढ़ते हैं, तो ये रकम 250-300 रुपये तक पहुंच सकती है। खासकर गरीब और मिडिल क्लास यूजर्स के लिए यह एक बड़ा झटका होगा, जो पहले ही सीमित खर्च में अपना मोबाइल चलाते हैं।
ब्रोकरेज फर्म Bernstein की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बढ़ोतरी किसी एक बार की बात नहीं है। ये टेलीकॉम कंपनियों की लॉन्ग-टर्म स्ट्रैटेजी का हिस्सा है, जो 2027 तक धीरे-धीरे लागू होती रहेगी। कंपनियों का कहना है कि इससे उनकी इनकम बढ़ेगी और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी।
आपको बता दें, पिछले बार जब कंपनियों ने अपनी टैरिफ बढ़ाई थी, तो उस समय एआरपीयू में बढ़ोतरी करने का कारण बताय था। ARPU का मतलब बै एवरेज रेवन्यू पर यूनिट, जिसे हिंदी में प्रति इकाई औसत राजस्व के नाम से भी जाना जाता है।
5G नेटवर्क के विस्तार, स्पेक्ट्रम की खरीद और नई तकनीकों को लागू करने के लिए कंपनियों को भारी निवेश करना पड़ रहा है। टेक एक्सपर्ट का मानना है कि ये खर्च अब ग्राहकों की जेब से वसूला जाएगा। यही कारण है कि टैरिफ प्लान्स में बढ़ोतरी की जा रही है।
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जहां एक ओर डिजिटल इंडिया की बात होती है, वहीं दूसरी ओर मोबाइल सेवा तक पहुंचना कम आमदनी वालों के लिए दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है। अगर रिचार्ज महंगे होते गए, तो कई लोग मजबूरन इंटरनेट या कॉलिंग से दूरी बना सकते हैं।