Shubhanshu Shukla mission update (सौ. X)
एक्सिओम मिशन-4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर वैज्ञानिक प्रयोगों की श्रृंखला जारी है, जहां पायलट और भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने ‘स्पेस माइक्रोएल्गी एक्सपेरिमेंट’ की शुरुआत की है। उनके साथ इस मिशन में कमांडर पेगी व्हिट्सन, मिशन विशेषज्ञ स्वाँव उजनांस्की विस्निएव्स्की और तिबोर कपु भी शामिल हैं।
इस प्रयोग के तहत शुभांशु विशेष प्रकार की शैवाल (एल्गी) उगा रहे हैं, जो भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए ताजे और पौष्टिक भोजन का स्त्रोत बन सकती हैं। एल्गी दरअसल छोटे-छोटे पौधे होते हैं जो पानी में उगते हैं। इनमें मौजूद क्लोरोफिल के कारण ये सूर्य की रोशनी से ऊर्जा बनाते हैं और ऑक्सीजन का उत्पादन भी करते हैं।
शुभांशु के अनुसार, “शैवाल छोटे स्पेस में उगाई जा सकती हैं और ये प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स का समृद्ध स्रोत हैं। इससे अंतरिक्ष यात्रियों को लंबी यात्राओं के दौरान हेल्दी डाइट मिल सकती है।”
मिशन के अन्य हिस्सों में, सभी क्रू मेंबर्स ने न्यूरो मोशन वीआर प्रोजेक्ट में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने VR हेडसेट पहनकर काम किया, जिससे अंतरिक्ष में दिमाग और मूवमेंट पर पड़ने वाले प्रभावों का डेटा इकट्ठा किया गया। इससे भविष्य में स्पेस मिशन की मनोवैज्ञानिक और शारीरिक रणनीतियों को बेहतर बनाया जा सकेगा।
मिशन विशेषज्ञ स्वाँव ने माइक्रोफ्लूडिक डिजाइन एक्सपेरिमेंट किया, जिसमें केरमिट टूल्स की मदद से माइक्रोग्रैविटी में तरल पदार्थों के व्यवहार को परखा गया। इस तकनीक से भविष्य में ऑटोनॉमस ड्रग टेस्टिंग डिवाइस बनाने में मदद मिलेगी।
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तिबोर कपु ने हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन से वीडियो कॉल के माध्यम से चर्चा की, वहीं पेगी व्हिट्सन और स्वाँव ने डॉ. लुसी लो (मुख्य वैज्ञानिक, एक्सिओम स्पेस) से अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा को लेकर विस्तार से चर्चा की। उल्लेखनीय है कि हाल ही में शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से भारत के प्रधानमंत्री से भी संवाद किया था।