Google ने लिया बड़ा फैसला। (सौ. Freepik)
नवभारत टेक डेस्क: गूगल ने अपने कर्मचारियों के परफॉर्मेंस मूल्यांकन प्रणाली (Performance Evaluation System) में बड़े बदलाव की घोषणा की है, जो वर्ष 2026 से प्रभावी होंगे। इस बदलाव का उद्देश्य उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को अधिक इनाम देना और औसत या कम प्रदर्शन करने वालों के लिए बोनस एवं इक्विटी पैकेज को सीमित करना है।
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल के ग्लोबल कंपेंसेशन एंड बेनिफिट्स के वाइस प्रेसिडेंट जॉन केसी ने इस बदलाव की जानकारी एक ईमेल के माध्यम से कर्मचारियों को दी। उन्होंने बताया कि अब मैनेजर्स अधिक संख्या में कर्मचारियों को ‘आउटस्टैंडिंग इंपैक्ट’ रेटिंग दे सकेंगे, जो गूगल की टॉप परफॉर्मेंस कैटेगरी में से एक है। इसका मतलब है कि अब बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को पहले से अधिक बोनस और स्टॉक ग्रांट मिल सकेंगे।
वहीं, गूगल का इरादा इस पूरी प्रक्रिया को बजट बढ़ाए बिना लागू करने का है। इसके तहत “सिग्निफिकेंट इंपैक्ट” या “मॉडरेट इंपैक्ट” जैसी मिड परफॉर्मेंस कैटेगरी में आने वाले कर्मचारियों की वेतन वृद्धि पर असर पड़ेगा। हालांकि जॉन केसी ने स्पष्ट किया कि “सिग्निफिकेंट इंपैक्ट” अब भी एक अच्छी रेटिंग मानी जाएगी, लेकिन इसकी वित्तीय वैल्यू थोड़ी कम होगी।
गूगल ने यह भी कहा कि मैनेजर्स के पास एक अलग बजट होगा, जिससे वे ऐसे कर्मचारियों को इनाम दे सकेंगे जो लगातार अच्छा काम करते हैं, भले ही वे टॉप रेटिंग तक न पहुंचे हों। इससे उन लोगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा जो स्थिरता के साथ बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
गूगल का परफॉर्मेंस रिव्यू सिस्टम GRAD (Googler Reviews and Development) पांच स्तरों पर आधारित है: Not Enough Impact से लेकर Transformative Impact तक। अभी तक बहुत कम कर्मचारी ऊपरी दो कैटेगरी में पहुंच पाते थे, लेकिन नए सिस्टम में टॉप कैटेगरी तक पहुंचने की संभावना बेहतर होगी।
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गूगल ने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि कंपनी AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में तेजी से विस्तार कर रही है और उसे ऐसे टैलेंट की जरूरत है जो असाधारण प्रदर्शन कर सकें। यह ट्रेंड सिर्फ गूगल तक सीमित नहीं है, बल्कि माइक्रोसॉफ्ट और मेटा जैसी टेक कंपनियां भी परफॉर्मेंस आधारित कल्चर की ओर बढ़ रही हैं। मेटा ने हाल ही में कमजोर प्रदर्शन करने वालों को हटाने के लिए छंटनियां की थीं।