प्रतीकात्मक तस्वीर
WhatsApp Latest Update: गूगल ने अपने Gemini AI के एंड्रॉइड डिवाइस पर उपयोग करने के तरीके में कुछ बदलावों की घोषणा की है। एक ईमेल के माध्यम से यूजर्स को जानकारी दी गई है कि अब Gemini AI थर्ड-पार्टी ऐप्स, जैसे WhatsApp के डेटा तक पहुंच सकता है ताकि आप वॉयस कमांड की मदद से उन ऐप्स की सुविधाएं का इस्तेमाल कर सकें। हालांकि, पहली बार इस सुविधा के बारे में सुनकर काफी अच्छा और काम का लगता है। लेकिन असली चिंता की बात यह है कि गूगल ने यूजर्स को भेजे ईमेल में इस बात को छुपाई है कि यह डेटा साझा तब भी जारी रहेगी जब आपने Gemini Apps Activity को क्लोज किया कर दिया हो।
गूगल की अधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, चाहे Gemini Apps Activity बंद हो या चालू, आपकी चैट्स को 72 घंटे तक आपके अकाउंट में सेव किया जा सकता है।इससे यह स्पष्ट होता है कि WhatsApp की आपकी प्राइवेट बातचीत भी अस्थायी रूप से Gemini के पास स्टोर हो सकती है। गूगल की ओर से दावा किया गया है कि इस प्रोसेस के जरिए Gemini आपके लिए जवाब तैयार कर सकेगा और उन्हें भेज भी सकेगा, भले ही आपने प्राइवेसी सेटिंग्स में कुछ और सेलेक्ट किया हो। लेकिन यही बात यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
गौरतलब है कि Meta की ओर से हमेशा यही कहा जाता है कि WhatsApp की चैट्स एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होती हैं, यानी की इस मैसेज को कोई भी थर्ड पार्टी नहीं देख सकता है, यहां तक की खुद मेटा की पहुंच भी नहीं है। हालांकि, यह सिक्योरिटी केवल ऐप के अंद ही सीमित होती है। आपके फोन पर आने वाले नोटिफिकेशन अलर्ट जिनमें मैसेज की सामग्री होती है उन्हें पढ़ा जा सकता है। कुछ एंड्रॉइड फोन्स तो बिना व्हाट्सएप खोले इन नोटिफिकेशन को 24 घंटे तक सेव भी रखते हैं।
अब यह जानकार आप भी हैरान हो रहे होंगे कि आखिरी इस सुविधा को कैसे बंद किया जा सकता है, तो इसका जवाब यह है कि आप खुद तय कर सकते हैं कि Gemini को अपने डेटा तक पहुंच देना है या नहीं। इसके लिए आपको सिर्फ कुछ स्टेप्स फॉलो करने होंगे और इसके जरिए आप गूगल के इस नई सुविधा पर लगाम लगा सकते हैं।
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बता दें कि गूगल की ओर से अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि Gemini इन चैट्स को कैसे पढ़ेगा या स्टोर करेगा। हालांकि, एप का नोटिफिकेशन डेटा तक पहुंचने में सबसे आसान और संभावित जरिए हो सकता है। Gemini की एंड्रॉइड सिस्टम में गहरी पैठ होने के कारण ये केवल नोटिफिकेशन तक सीमित नहीं रहेगा और यही बात यूज़र्स के मैसेजिंग अनुभव की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाती है।