UPI में हुए है बढ़े बदलाव। (सौ. Freepik)
UPI New Rule: भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे भरोसेमंद माध्यम बन चुका यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब एक और बड़ी छलांग लगाने जा रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI के जरिए ₹10 लाख तक के डेली हाई-वैल्यू ट्रांजेक्शन की मंजूरी दे दी है। यह बदलाव खास तौर पर निवेश, बीमा, ट्रैवल बुकिंग, क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान और ज्वेलरी खरीदारी जैसी कैटेगरीज के लिए लागू होगा।
NPCI ने स्पष्ट किया है कि पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांजेक्शन लिमिट में कोई बदलाव नहीं होगा। सामान्य उपभोक्ता के लिए प्रतिदिन की सीमा ₹1 लाख पहले की तरह ही रहेगी।
1 अक्टूबर 2025 से P2P “कलेक्ट रिक्वेस्ट’ फीचर को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि अब कोई भी व्यक्ति UPI पर भुगतान मांगने (collect request) का विकल्प इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। केवल QR कोड स्कैन या UPI ID दर्ज कर के ही लेन-देन संभव होगा। NPCI का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि इस फीचर का दुरुपयोग स्कैमर्स नकली कैशबैक और रिवॉर्ड्स के नाम पर कर रहे थे।
ये भी पढ़े: स्मार्टफोन धमाके से कैसे बचें? जानिए बैटरी फटने की असली वजह और जरूरी सावधानियां
NPCI ने यह भी साफ किया है कि नई सीमा सिर्फ वेरीफाइड मर्चेंट्स पर लागू होगी। जबकि सामान्य उपभोक्ताओं के लिए P2P ट्रांजेक्शन की सीमा अब भी ₹1 लाख प्रतिदिन रहेगी। साथ ही, बैंक चाहें तो अपनी रिस्क असेसमेंट के आधार पर और कम लिमिट तय कर सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम हाई-वैल्यू पेमेंट्स को आसान बनाएगा और लोगों की निर्भरता चेक या स्लो पेमेंट चैनल्स पर कम करेगा। अब UPI सिर्फ रोज़मर्रा की छोटी खरीदारी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बड़े निवेश, बीमा प्रीमियम और बिज़नेस ट्रांजेक्शन के लिए भी भरोसेमंद प्लेटफॉर्म साबित होगा।