UFO को धरती पर देखने की क्या है सच्चाई। (सौ. AI)
नवभारत टेक डेस्क: ब्रह्मांड में अरबों-खरबों आकाशगंगाएं हैं, जिनमें से एक छोटी सी आकाशगंगा हमारा मिल्की-वे है। मिल्की-वे के करोड़ों सौरमंडलों में से एक का हिस्सा हमारी धरती है। अभी तक के शोध के अनुसार, जीवन केवल धरती पर ही पाया गया है। हालांकि, वैज्ञानिक मानते हैं कि अंतरिक्ष में जीवन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
वैज्ञानिक वर्षों से अंतरिक्ष में जीवन के संकेतों की तलाश में जुटे हुए हैं। कई बार ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जब धरती के आसमान में ऐसी वस्तुएं देखी गई हैं, जो मानव निर्मित नहीं लगतीं। इन्हें आमतौर पर “यूएफओ” (अज्ञात उड़ने वाली वस्तुएं) कहा जाता है।
हाल ही में बेल्जियम में यूएफओ के देखे जाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल ईस्ट फ्लैंडर्स प्रांत में 45 बार, एंटवर्प में 38 बार, और वेस्ट फ्लैंडर्स में 30 बार यूएफओ देखे गए। कोबेप्स (बेल्जियम कमेटी फॉर द स्टडी ऑफ स्पेस फेनोमेना) ने 2024 में अब तक 52 घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज की है, जो 2023 के 50 मामलों के बराबर है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, आसमान में चमकने वाली “स्काईट्रेसर” लाइट के जरिए इन घटनाओं को ट्रेस किया गया। हालांकि, बेल्जियम में स्काईट्रेसर के उपयोग पर प्रतिबंध है।
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इन घटनाओं ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या ये एलियन की गतिविधियां हैं, या फिर मानव निर्मित खुराफात? अगर ये यूएफओ वास्तविक हैं, तो इनकी गहन जांच होनी चाहिए।