भगोड़े मेहुल चोकसी को भारत लाने का रास्ता साफ (सौ. सोशल मीडिया)
Mehul Choksi’s Extradition To India: भगोड़े हीरा कारोबारी और पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को भारत लाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। बेल्जियम की कोर्ट ने चोकसी को भारत को प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि चोकसी की प्रत्यर्पण प्रक्रिया में किसी प्रकार की कोई कानूनी बाधा नहीं है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया से कोई आपत्ति नहीं है।
बेल्जियम की कोर्ट ने अप्रैल में मेहुल चोकसी की गिरफ्तार को सही ठहराया था। अब कोर्ट ने कहा कि चोकसी बेल्जियम का नागरिक नहीं है, बल्कि वह विदेशी नागरिक है। उसपर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। यही कारण है चोकसी के प्रत्यर्पण को सही माना जा सकता है। बता दें कि भारत की ओर से मेहुल चोकसी पर लगे आरोप बेल्जियम में भी अपराध की श्रेणी में आते हैं।
मेहुल चोकसी पर भारतीय दंड संहिता की धाराएं 120बी, 201, 409, 420 और 477ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं, इसके अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं भी शामिल हैं। इनमें एक साल की सजा का प्रावधान है। कोर्ट का मानना है कि मेहुल चोकसी की भूमिका एक तरीके से आपराधिक गिरोह में शामिल होने, धोखाधड़ी करने, भ्रष्टाचार में सम्मिलित फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करते हुए गैरकानूनी काम करने में शामिल हो सकती है।
मेहुल चोकसी ने कोर्ट में दावा किया था कि उसे एंटीगुआ से अपहरण कर बेल्जियम लाया गया था। वहीं, भारत में उसको राजनीतिक प्रताड़ना का खतरा है। हालांकि, कोर्ट ने उसके दावे को खारिज किया और कहा इसका कोई भी प्रमाण नहीं है। कोर्ट ने भारत की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर बताया कि मेहुल चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड स्थित जेल में रखा जाएगा। यहां पर उसका पता बैरक नंबर 12 होगा। भारत ने आश्वासन दिया है कि उसे केवल चिकित्सकीय आवश्यकताओं या कोर्ट में पेशी के दौरान ही बाहर ले जाया जाएगा।
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कोर्ट में इस प्रत्यर्पण से बचने के लिए चोकसी ने कई विशेषज्ञ रिपोर्ट और अंतरराष्ट्रीय दस्तावेजों को पेश किया। हालांकि, कोर्ट ने किसी भी दस्तावेज को स्वीकार नहीं किया। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि चोकसी व्यक्तिगत खतरे को साबित नहीं कर रहे हैं। चोकसी ने दावा किया कि भारत की न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है और मीडिया कवरेज से उसके मामले में निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी। इस दावे को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि बड़े वित्तीय घोटाले में सामान्य लोगों और मीडिया की रुचि स्वाभाविक है।