AI से कंपनी की Jobs पर हो रहा असर (सौ. Freepik)
मुनाफे के बावजूद टेक कंपनियां बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। इस बदलाव की मुख्य वजह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को माना जा रहा है। कंपनियों का कहना है कि अब कई काम ऐसे हैं जो इंसानों के बजाय मशीन और AI से अधिक तेजी व सटीकता से पूरे हो रहे हैं। इसके चलते कर्मचारियों की जरूरत कम होती जा रही है।
गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, मेटा और डुओलिंगो जैसी दिग्गज टेक कंपनियां AI के कारण अपने कर्मचारियों की संख्या में भारी कटौती कर रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और पोलैंड के नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्टडी के मुताबिक, दुनिया में हर चार में से एक नौकरी जनरेटिव AI से प्रभावित हो रही है। वहीं, विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट कहती है कि इस दशक में जहां 17 करोड़ नई नौकरियां आएंगी, वहीं 9.2 करोड़ नौकरियां खत्म हो जाएंगी।
एंथ्रोपिक के सीईओ डारियो एमोडेई का कहना है, “AI से वाइट कॉलर जॉब्स आधी हो सकती हैं और पांच साल में बेरोजगारी 20% तक बढ़ सकती है।”
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टेक इंडस्ट्री में यह ट्रेंड केवल AI की वजह से नहीं है। महामारी के बाद अधिक भर्ती करने के कारण कंपनियों को फिर से स्ट्रक्चर तय करना पड़ा।