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लतिकेश शर्मा @नवभारत
जालना / मुंबई: मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की मांग को लेकर 9 दिनों से आमरण अनशन (Fast Unto Death) पर बैठे मनोज जरांगे (Jarange) पाटिल (Patil) सीएम एकनाथ शिंदे सरकार (government) से मिले आश्वासन के बाद एक बार फिर मान गए हैं। उन्होंने कहा है कि इस बार मराठा आरक्षण के मुद्दे को सुलझाने के लिए मैं महायुति सरकार को आखिरी मौका दे रहा हूं। पाटिल ने मराठा आरक्षण पर फैसला लेने के लिए राज्य सरकार को 2 जनवरी 2024 (2 January 2024) तक का समय दिया है। हालांकि उन्होंने कहा कि एक बार और समय देने में कोई हर्ज़ नहीं है। लेकिन यह आखिरी अल्टीमेटम है और यह आरक्षण पूरे मराठा समाज को दिया जाना चाहिए। जरांगे पाटिल के मान जाने से शिंदे सरकार ने राहत की सांस ली है। मराठा आरक्षण को लेकर राज्य में जारी हिंसा से महायुति सरकार महासंकट में फंस गई थी। लेकिन एक बड़ा संकट फ़िलहाल टल गया है।
पूर्व जस्टिस शिंदे की अगुवाई में पहुंची टीम
जरांगे पाटिल को मनाने के लिए पूर्व जस्टिस संदीप शिंदे की अगुवाई में एक टीम जालना पहुंची थी। उनके साथ महायुति सरकार में शामिल तीनों दलों के कैबिनेट मंत्री शामिल थे। इस दौरान जस्टिस शिंदे ने जरांगे पाटिल को कई दस्तावेज दिखा कर उन्हें विश्वास दिलाया कि मराठा आरक्षण को लेकर गंभीरता से काम किया जा रहा है। उनके साथ कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे, उदय सामंत और अतुल सावे व संदीपान भुमरे ने भी अपनी तरफ से भरपूर कोशिश की। आखिरकार सरकारी टीम की कोशिश रंग लाई और जरांगे पाटिल सरकार को कुछ और समय देने के लिए राजी हो गए।
दिवाली ख़राब न हो
जरांगे पाटिल ने कहा कि मैं चाहता हूँ कि किसी की दिवाली खराब न हो। इसको ध्यान में रखते हुए मैंने सरकार कुछ और समय देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा आरक्षण की यह लड़ाई न्याय मिलने तक जारी रहेगी।
अधिवेशन में चर्चा का आश्वासन
कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे ने जरांगे पाटिल को आश्वासन दिया है कि हमारी सरकार दिसंबर महीने में होने वाले विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में मराठा आरक्षण पर गंभीरता से चर्चा करेगी और ठोस निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि हम मराठा समाज को टिकाऊ आरक्षण देना चाहते हैं। लेकिन इसमें थोड़ा समय लगेगा।