श्रीनगर मौसम (डिज़ाइन फोटो )
श्रीनगर: कश्मीर (Kashmir) भीषण शीत लहर (Cold Wave) की चपेट में है और घाटी में सोमवार रात को तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया। लगातार गिर रहे तापमान के बारे में अधिकारियों ने ये जानकारी दी है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि श्रीनगर (Srinagar) शहर में सोमवार को न्यूनतम तापमान शून्य से पांच डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात के शून्य से 5.3 डिग्री नीचे के तापमान से थोड़ा अधिक है। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि दक्षिण कश्मीर के काजीगुंद शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया और उत्तरी कश्मीर के स्की रिसॉर्ट शहर गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि कोकेरनाग शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस नीचे और कुपवाड़ा में शून्य से 4.9 डिग्री नीचे दर्ज किया गया।
कश्मीर में मौसम शुष्क है और बर्फबारी नहीं होने से रात में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, जबकि दिन अपेक्षाकृत गर्म हैं। श्रीनगर में दिन का तापमान साल के इस समय के सामान्य से 8 डिग्री अधिक है। कश्मीर लंबे समय से सूखे के दौर से गुजर रहा है और दिसंबर में 79 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। जबकि जनवरी के पहले पखवाड़े में घाटी के ज्यादातर हिस्सों में कोई बारिश नहीं हुई है।
कश्मीर के अधिकतर मैदानी इलाकों में बर्फबारी नहीं हुई है, जबकि घाटी के ऊपरी इलाकों में सामान्य से कम बर्फबारी हुई है। मौसम विभाग ने 21 जनवरी तक शुष्क मौसम रहने का अनुमान जताया था। हालांकि, मौसम कार्यालय ने बृहस्पतिवार से 31 जनवरी तक घाटी में कुछ स्थानों पर हल्की बर्फबारी की संभावना जताई है। कश्मीर में वर्तमान में 40 दिनों की कठोर सर्दियों की अवधि “चिल्लई-कलां” जारी है।
कश्मीर में ‘चिल्ला-ए-कलां’ एक फारसी शब्द है, जिसका अर्थ होता है.. ‘बड़ी सर्दी’। यह हर साल यह मौसम 21 दिसंबर से 29 जनवरी तक के बीच आता है, जब कश्मीर में सबसे कठोर सर्दी पड़ती है। 40 दिनों की सबसे कठोर सर्दियों की समय सीमा होती है। चिल्ला-ए-कलां के बाद 20 दिन की लंबी चिल्लाई खुर्द होती है, जिसे छोटी सर्दी कहते हैं। यह 30 जनवरी से 18 फरवरी तक होती है और इसके बाद 10 दिनों तक चलने वाली चिल्लाई बच्चा अर्थात् बेबी कोल्ड की अवधि होती है, जो 19 फरवरी से 28 फरवरी तक होती है।
इन दिनों क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान बेहद नीचे चला जाता है, जिससे जल निकायों के साथ-साथ पाइप में भी पानी जम जाता है। इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना अधिक होती है और अधिकांश क्षेत्रों, विशेषकर ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी होती है।
(एजेंसी )