पिंपरी: शहर से लापता होने वालों और अज्ञात शवों (Dead bodies) के मिलने की संख्या बढ़ गई है। ये शव अनगिनत संख्या में सड़कों, नदियों के किनारे, भीड़-भाड़ वाले व्यस्त स्थानों, रेलवे ट्रैक पर मिल रहे हैं। इससे सामाजिक व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो रही है। पुलिस सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
बड़ी संख्या में बाहर से आकर यहां मरते हैं लोग
जब छोटी-छोटी वजहों से सुखी जीवन की उम्मीद खत्म हो जाती है तो कई लोग अपना घर छोड़कर शहर में रहने आ जाते हैं। उनमें से कई लोग नौकरी करके तो कई लोग भीख मांगकर जीवित रहने की कोशिश करते हैं। हालांकि कई लोगों की मानसिकता के कारण भीख मांगना संभव नहीं होता है। वे वहीं रहते हैं जहां उन्हें धूप, हवा और बारिश में जगह मिल सके। वे फटे, अस्त-व्यस्त कपड़ों में सड़क के किनारे लेटे हुए मिल जाते है। उन पर किसी का ध्यान नहीं जाता। बहुत से लोग विभिन्न बीमारियों से संक्रमित हो जाते हैं। वे भोजन या उपचार के बिना मर जाते हैं।
एक साल में 153 शव (153 Dead bodies found in Pimpri in 2023)
वर्ष 2022 में पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय के तहत 89 शव मिले थे। 2023 में, शहर की पुलिस सीमा में 99 शव पाए गए। इसके अलावा दापोडी से खंडाला रेलवे पर 54 शव मिले। इस तरह से पिछले वर्ष कुल 153 शव मिले थे। ये आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा है। कई बार शवों की पहचान नहीं हो पाती है ऐसे में उन्हें लावारिस समझ कर पुलिस द्वारा उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाता है।
रेलवे ट्रैक पर 54 लाशें
जनवरी से नवंबर के बीच पुणे-मुंबई रेलवे पर दापोडी और खंडाला के बीच 54 शव मिले। मावल तालुका में 29 शव मिले। जीवन से थक चुके कई लोग संघर्ष से बचने के लिए आत्महत्या कर लेते हैं। उनमें से कुछ ट्रेन के नीचे कूदकर अपनी जान दे देते हैं। ऐसे लावारिस शवों की पहचान करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
शवों के लिए भी पांच दिन का ‘इंतजार’
शव को मोर्चरी में रखवाया जाता है। मृतक के परिजनों की तलाश की जाती है और पांच दिन तक इंतजार करने के बाद अगर परिजन नहीं आते हैं तो पुलिस कानूनी शर्तें पूरी करने के बाद अंतिम संस्कार कर देती है। इसका खर्च संबंधित थाने की पुलिस को उठाना होता है। व्यय का ब्यौरा जमा करने के बाद वरिष्ठ स्तर से व्यय की राशि मिल जाती है।
अधिकतर शव रेलवे, नदी क्षेत्र में मिले
अधिकांश लावारिस शव रेलवे ट्रैक, नदी के पास पाए जाते हैं। इसके अलावा पुणे-मुंबई रेलवे पर भी बड़ी संख्या में लावारिस शव मिलते हैं। कई लोग ट्रेन के नीचे कूदकर आत्महत्या कर लेते हैं। उनकी लाशें कई बार अधिक संख्या में एक साथ आती हैं।
मृतकों के पास से आभूषण, नकदी
कई शोकग्रस्त मृतकों के आभूषण, नकदी लूट ली जाती है और चोरी कर ली जाती है। मोबाइल फोन भी गायब हो जाते हैं। ऐसे अमानवीय कृत्य के कारण मृतक की पहचान करना मुश्किल हो रहा है, पुलिस ने कई अभियान चलती है जिससे लूट का गिरोह चलाने वाले भी शर्मसार हों लेकिन वो बेअसर ही साबित होते है।
सबसे ज्यादा शव आलंदी में
एक तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध आलंदी में राज्य भर से लोग आते हैं। उनमें से कुछ तो जिंदगी से थक भी चुके हैं। ऐसे व्यक्तियों के लावारिस शव आलंदी में बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। सबसे अधिक लावारिस शव पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय के तहत आलंदी पुलिस स्टेशन के तहत पाए जाते हैं।