फाइनल मैच के दौरान खिलाड़ी (सोर्स-सोशल मीडिया)
हैदराबाद: भारतीय फुटबॉल का बुरा दौर लगातार जारी है। सोमवार को इसकी एक और बानगी तब देखने को मिली जब इंटरकॉन्टिनेंटल कप में भारत को शिकस्त खानी पड़ी। इसमें बड़ी बात यह रही इस मैच में भारत एक भी गोल नहीं कर सका और सीरिया जैसी टीम ने 3-0 से मात दी है।
भारतीय फुटबॉल टीम की तीसरी बार इंटरकॉन्टिनेंटल कप खिताब जीतने की उम्मीद सोमवार को यहां सीरिया से 0-3 की हार के साथ टूट गईं। तीन देशों के इस टूर्नामेंट के आखिरी मैच में सीरिया के लिए महमूद अल असवाद (सातवें), दालेहो ईरानदुस्त (76वें) और पाब्लो सब्बाग (90+6 मिनट) ने गोल दागे। इगोर स्टिमैक के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच बने मनोलो मार्केज का कार्यकाल निराशाजनक तरीके से शुरू हुआ। उन्हें जुलाई में टीम की बागडोर सौंपी गयी थी।
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भारत को इससे पहले तीन सितंबर को मॉरीशस ने गोलरहित बराबरी पर रोका था, जबकि सीरिया ने मॉरीशस को 2-0 से हराया था।सीरिया ने अपना अभियान छह अंक के साथ तालिका में शीर्ष स्थान पर रहते हुए खत्म किया। भारत और मॉरीशस के नाम एक-एक अंक रहे। इस टूर्नामेंट में फाइनल मैच नहीं होता है और राउंड-रोबिन मुकाबलों के बाद सबसे ज्यादा अंक जुटाने वाली टीम टूर्नामेंट जीतती है।
भारत ने 2018 और 2023 में इस खिताब जीता था, जबकि 2019 में तीसरे स्थान पर रहे सीरिया के लिए यह पहली ट्रॉफी है। यह पहला मौका है जब सीरिया ने भारतीय धरती पर कोई खिताब जीता है। इस पश्चिम एशियाई देश का भारत में टूर्नामेंट खेलने का एक लंबा इतिहास है, लेकिन सोमवार से पहले उसने एक भी खिताब नहीं जीता था।
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सीरिया 2007 और 2009 में नेहरू कप फाइनल में भारत से हार गया था जबकि टीम 2012 में इस टूर्नामेंट में चौथे स्थान पर रही थी। भारत के अपने पिछले दौरे पर सीरिया 2019 में इंटरकॉन्टिनेंटल कप में तीसरे स्थान पर रहा था। इस दौरान उसने भारत के खिलाफ 1-1 से ड्रॉ खेला था। दोनों टीमों के बीच पिछली भिड़ंत में सीरिया ने जनवरी में कतर में एशियाई कप में भारत को 1-0 से हराया था।
-एजेंसी इनपुट के साथ