नीरज चोपड़ा (सौजन्यः एक्स)
पेरिस: टोक्यो ओलंपिक 2020 में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता था। जिसके बाद अब पेरिस में भी उनसे ये ही गोल्ड की ही उम्मीद की जा रही है। उन्होंने पेरिस में क्वालीफिकेशन राउंड में अपने पहले ही थ्रो में 89.34 मीटर भाला फेंक बता दिया है कि वह इस बार भी अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ा मुकाबला देकर गोल्ड पर दांव खेलने के लिए तैयार हैं।
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक की तरह यहां भी कुछ सेकंड में फाइनल के लिए क्वालीफाई कर दिया था लेकिन इस बार पिछले ओलंपिक की तुलना में चुनौती अधिक कड़ी है। कुल नौ खिलाड़ियों में से पांच ने नीरज की तरह अपने पहले थ्रो में ही फाइनल में जगह बना ली थी।
वहीं नीरज के बाद पाकिस्तान के अरशद नदीम ने भी फाइनल में जगह बना ली है। उन्होंने अपने पहले प्रयास में 86.59 थ्रो किया है। नदीम नीरज के लिए खतरा भी माने जाते हैं। हालांकि नीरज उनसे काफी आगे हैं। उनके अलावा ग्रेनेडियन भाला फेंकने वाले एंडरसन पीटर्स ने भी अपने पहले थ्रो में 88.63 मीटर की दूरी तय कर फाइनल में एंट्री कर ली है। अब भाला फेंक का फाइनल मुकाबला 8 अगस्त को रात 11:50 बजे होगा।
भारत का यह 26 वर्षीय खिलाड़ी इस बात को अच्छी तरह से समझता है क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले आठ वर्षों से चुनौती पेश कर रहे हैं। चोपड़ा ने मैदान पर कुछ समय बिताने के बाद पत्रकारों से कहा,‘‘फाइनल में प्रत्येक खिलाड़ी की अपनी अलग मानसिकता और अलग स्थिति होती हैं। जिसने भी स्वत: क्वालीफाई किया है , उसने अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ तैयारी कर रखी है।”
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वह इसके बाद तुरंत ही खेल गांव लौट गए ताकि फाइनल से पहले पर्याप्त विश्राम कर सकें क्योंकि काफी कुछ दांव पर लगा है। नीरज फाइनल में ओलंपिक के इतिहास में खिताब बरकरार रखने वाले पांचवां पुरुष भाला फेंक खिलाड़ी बनने के इरादे से उतरेंगे। अगर वह खिताब जीतते हैं तो ओलंपिक व्यक्तिगत वर्ग में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय भी बनेंगे।
ओलंपिक की पुरुष भाला फेंक स्पर्धा में अभी तक एरिक लेमिंग (स्वीडन, 1908 और 1912), जोन्नी माइरा (फिनलैंड, 1920 और 1924), चोपड़ा के आदर्श जान जेलेंजी (चेक गणराज्य, 1992 और 1996) और आंद्रियास टी (नॉर्वे, 2004 और 2008) की ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में अपने खिताब का बचाव कर पाए हैं। हालांकि अगर नीरज कोई भी पदक अपने नाम करते हैं तो भी वह स्वतंत्रता के बाद दो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाले सिर्फ चौथे भारतीय खिलाड़ी होंगे।
स्वतंत्रता के बाद बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू (एक रजत और एक कांस्य), पहलवान सुशील कुमार (एक रजत और एक कांस्य) और निशानेबाज मनु भाकर (दो कांस्य) ही भारत के लिए दो ओलंपिक पदक जीत पाए हैं। नीरज ने ग्रुप ए और बी दोनों में शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में प्रवेश किया और इस तरह एडक्टर की चोट से जुड़ी चिंताओं को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया।
यह नीरज के करियर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। इस गत ओलंपिक और विश्व चैंपियन ने 87.58 मीटर के प्रयास के साथ तोक्यो ओलंपिक का स्वर्ण पदक जीता था जबकि उनका निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 89.94 मीटर है जो उन्होंने 2022 में स्टॉकहोम डाइमंड लीग में रजत पदक जीतने के दौरान किया था। यह राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है।
चोपड़ा को फाइनल में ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स और पाकिस्तान के अरशद नदीम से कड़ी चुनौती मिल सकती है जो सही समय पर फॉर्म में लौटे हैं। इनके अलावा तोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता चेक गणराज्य के याकुब वालडेच भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)