भारतीय टीम (फोटो-सोशल मीडिया)
The Top Contenders Can Replace Dream11: भारत सरकार ने गेमिंग कंपनी, फैंटसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म पर बैन लगया है। जिसके बाद कई ऐसे प्लेटफॉर्म हैं जिनपर प्रतिबंध लगाए गए हैं। इस दौरान भारतीय टीम के टाइटल स्पॉन्सर ड्रीम11 पर भी गाज गिरी है। भारत सरकार के इस फैसले के बाद ड्रीम11 कंपनी ने भारतीय टीम के टाइटल स्पॉन्सर से पीछे हट गई है। एशिया कप से पहले अब बीसीसीआई नए स्पॉन्सर की तलाश में हैं।
एशिया कप की शुरुआत में अब सिर्फ दो हफ्ते बाकी हैं, लेकिन भारतीय टीम की जर्सी पर संकट मंडरा रहा है। पहले से छपी हुई जर्सियों पर ड्रीम11 का लोगो मौजूद है, लेकिन नए ऑनलाइन गेमिंग कानून के लागू होने के बाद, ड्रीम11 अब टीम इंडिया का टाइटल स्पॉन्सर नहीं रह सकता। ऐसे में अब बीसीसीआई को जल्दी ही एक नए टाइटल स्पॉन्सर की जरूरत है। अगर 9 सितंबर से पहले नया स्पॉन्सर नहीं मिल पाया, तो हो सकता है कि टीम इंडिया एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में बिना किसी टाइटल स्पॉन्सर के मैदान में उतरे।
हाल ही में भारतीय संसद ने एक नया कानून ऑनलाइन गेमिंग के प्रचार और विनियमन विधेयक, 2025 पास हुआ है। इस कानून के तहत ऐसे ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म जिनमें असली पैसे से खेला जाता है, उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ड्रीम11 के टाइटल स्पॉन्सर से बाहर होने के बाद अब कई कंपनियां बीसीसीआई के टाइटल स्पॉन्सर बनने को इच्छुक होगी। आइए, जानते हैं उन कंपनियों के बारें में जो भारतीय टीम के टाइटल स्पॉन्सर की इस खाली जगह को भर सकते हैं।
पिछले कुछ सालों में Zerodha (जेरोधा), Angel One (एंजेल वन), Groww (ग्रो) जैसे फिनटेक कंपनीज ने बहुत सारे ग्राहक बनाए हैं। इन कंपनियों ने आम लोगों को स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने का मौका दिया है। अगर ये कंपनियां टीम इंडिया को स्पॉन्सर करती हैं, तो इससे उनके ग्राहक और बढ़ सकते हैं।
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भारत में ऑटोमोबाइल (गाड़ियों से जुड़ी कंपनियां) और FMCG (खाद्य और रोजमर्रा की चीज़ों वाली कंपनियां) सेक्टर बहुत बड़े हैं। ये कंपनियां पहले भी कई क्रिकेट टूर्नामेंट्स को स्पॉन्सर कर चुकी हैं। जैसे कि टाटा ग्रुप अभी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का मुख्य स्पॉन्सर है। कुछ ऑटोमोबाइल और FMCG कंपनियां टीम इंडिया को स्पॉन्सर करने का मौका देख सकती हैं।
बड़ी कंपनियां जैसे रिलायंस और अडानी ग्रुप भी ड्रीम11 के जाने के बाद स्पॉन्सरशिप में रुचि ले सकती हैं। ये दोनों कंपनियां पहले ही IPL और WPL (वुमेन प्रीमियर लीग) में निवेश कर चुकी हैं। टीम इंडिया को स्पॉन्सर करना उनके लिए एक अच्छा मौका हो सकता है।