दिलीप वेंगसरकर (फोटो-सोशल मीडिया)
MCA to install Dilip Vengsarkar’s statue: मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) ने वानखेड़े स्टेडियम में दिलीप वेंगसरकर की आदमकद प्रतिमा (पूरे कद की प्रतिमा) लगाने का फैसला किया है। यह फैसला बुधवार 8 अक्टूबर को हुई एमसीए की शीर्ष परिषद की बैठक में लिया गया। पूर्व भारतीय कप्तान वेंगसरकर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
वेंगसरकर भारत के बेहतरीन बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। उन्होंने 1976 से 1992 के बीच 116 टेस्ट और 129 वनडे मैच खेले। 116 टेस्ट मैचों में वेंगसरकर ने भारत के लिए 17 शतक के सहारे 6868 रन बनाए। वहीं 129 वनडे मुकाबले में उन्होंने 3508 रन बनाए हैं।
एमसीए ने कहा कि परिषद ने भारतीय और मुंबई क्रिकेट में उनके उत्कृष्ट योगदान के सम्मान में वानखेड़े स्टेडियम में दिलीप वेंगसरकर की आदमकद प्रतिमा लगाने का सर्वसम्मति से फैसला लिया है। हाल ही में, एसोसिएशन ने वानखेड़े परिसर में सुनील गावस्कर की एक प्रतिमा का अनावरण किया। स्टेडियम में पहले से ही दिग्गज सचिन तेंदुलकर की एक प्रतिमा लगी हुई है।
बैठक में किसानों के समर्थन में एक अहम फैसला भी लिया गया। एमसीए की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 करोड़ रुपये दान किए जाएंगे। साथ ही, मुंबई के खिलाड़ी 25 लाख रुपये का सामूहिक योगदान देंगे। इसके अलावा, एमसीए ने मुंबई महानगर क्षेत्र में नई क्रिकेट अकादमियां खोलने और मैदान क्लबों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति मैच करने का भी निर्णय लिया।
एमसीए के अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने कहा, ‘‘वानखेड़े में दिलीप वेंगसरकर की प्रतिमा स्थापित करना मुंबई के महानतम क्रिकेट दिग्गजों में से एक के प्रति सराहना है जबकि किसानों और मैदान क्लबों के लिए हमारा समर्थन एमसीए के समुदाय के साथ गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।
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एमसीए ने होनहार युवा खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में अकादमियां स्थापित करने का भी निर्णय लिया है। एमसीए मैदान क्लबों को आवश्यक मैदान उपकरण भी प्रदान करेगा ताकि जमीनी स्तर पर खेल की परिस्थितियों को बेहतर बनाया जा सके।
एमसीए सचिव अभय हडप ने कहा, “हम जमीनी स्तर से क्रिकेट के माहौल को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। एमएमआर में अकादमियाँ स्थापित करने और मैदान क्लबों को मैदान उपकरण प्रदान करने से क्रिकेटरों की अगली पीढ़ी को विकसित करने और विश्वस्तरीय सुविधाओं तक उनकी पहुँच सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।”