करुण नायर (फोटो-सोशल मीडिया)
नागपुर: भारतीय टेस्ट टीम में 8 साल के बाद वापसी करने वाले करुण नायर ने घरेलू क्रिकेट में विदर्भ के लिए खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया था। आज 20 जून से शुरू होने वाले पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला हेडिंग्ले, लीड्स में खेला जाएगा। इस मुकाबले में सभी की नजरें करुण नायर पर है। उन्हें 8 साल बाद टीम में वापसी का मौका मिला है।
इस मैच से पहले ही एक रिपोर्ट सामने आ रही है। क्रिकबज के एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विदर्भ टीम को रणजी ट्रॉफी का चैंपियन बनाने वाले करुण नायर अगला घरेलू सीजन शुरू होने से पहले ही टीम छोड़ने का फैसला किया है। 33 साल के करुण नायर ने 2023-24 और 2024-25 सीजन के लिए विदर्भ टीम का हिस्सा रहे हैं और इस दौरान उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए विदर्भ को चैंपियन और फाइनलिस्ट भी बनाया है।
रिपोर्ट में ऐसा सामने आ रहा है कि करुण नायर फिर से कर्नाटक की टीम से जुड़ने जा रहे हैं। जो उनकी पुरानी टीम है। दो साल पहले खरब फॉर्म के चलते उन्हें कर्नाटक टीम से ड्रॉप किया गया था। इसके बाद उन्होंने विदर्भ के लिए दो सीजन खेला। जिसमें उनका पिछला सीजन लाजवाब रहा। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में 4 शतक के सहारे कुल 863 रन बनाए हैं। वहीं उन्होंने विजय हजारे एक दिवसीय टूर्नामेंट में 779 रन बनाकर टॉप स्कोरर रहे थे। विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने 5 शतक लगाकर इतिहास रचा था। हालांकि टीम कर्नाटक से फाइनल हार गई थी।
कर्नाटक का पिछला रणजी सीजन अच्छा नहीं रहा। जिसके बाद कर्नाटक ने करुण नायर को वापस जोड़ने के लिए पहल शुरू कर दी है। विजय हजारे को छोड़ दिया जाए तो रणजी ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली में कर्नाटक का प्रदर्शन खराब रहा था। हालांकि विजय हजारे ट्रॉफी में कर्नाटक ने खिताब जीता था। वहीं रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट में भी नहीं पहुंच सका था और सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट में भी यही हाल रहा। उसमें भी कर्नाटक की टीम नॉकआउट में नहीं पहुंच सकी थी।
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आईपीएल 2025 में आरसीबी को विजेता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज जितेश शर्मा भी विदर्भ छोड़ने का मन बना चुके हैं। वो विदर्भ छोड़कर बरौदा की टीम में शामिल होंगे। रिपोर्ट की मानें तो वो एक दो दिन ऑफिशियली बरौदा की टीम में शामिल हो जाएंगे। जितेश ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में विदर्भ की अगुआई की और विजय हजारे ट्रॉफी में नायर के नेतृत्व में खेले, लेकिन वे ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ पाए।