आईपीएल (फोटो-सोशल मीडिया)
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के माहौल को देखते हुए आईपीएल 2025 को रोक दिया गया था। हालांकि इसे 17 मई से फिर से शुरू किया जा रहा है। बीसीसीआई ने इसको लेकर फ्रेंचाइजियों को एक बड़ी छूट दी है। बीसीसीआई ने टीमों को नए खिलाड़ियों को जोड़ने की अनुमति दे दी है, ताकि टूर्नामेंट में किसी भी तरह की परेशानी न हो और सभी टीमों के पास पूरी ताकत हो।
बीसीसीआई की इस बदलाव के बाद सभी टीमें पहले ही जितना मजबूत दिखेगी। बीसीसीआई के इस फैसले के बाद अब टीमें उन विदेशी खिलाड़ियों के स्थान पर नए खिलाड़ी शामिल करेगी। जो चोट, बीमारी, व्यक्तिगत कारणों या राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के चलते आईपीएल के अंतिम चरण में भाग नहीं ले पा रहे हैं।
हालांकि, बोर्ड ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस समय शामिल होने वाले खिलाड़ी 2026 की नीलामी से पहले रिटेंशन के पात्र नहीं होंगे और उन्हें अगली नीलामी के लिए फिर से पंजीकरण कराना होगा। आईपीएल की टीमें अब जो खिलाड़ी को शामिल करेगी, उन्हें फिर से पंजीकरण करवाना होगा और फिर बोली लगेगी।
आईपीएल द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह फैसला असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है और इसका उद्देश्य टीमों को टूर्नामेंट के बीच हो रहे व्यवधानों के बावजूद प्रतिस्पर्धी बनाए रखना है। पहले के नियमों के मुताबिक फ्रेंचाइजी केवल अपने 12वें लीग मैच तक ही चोटिल या बीमार खिलाड़ियों के लिए दूसरे खिलाड़ी साइन कर सकती थीं। लेकिन इस बार टूर्नामेंट के बीच में स्थगित और खिलाड़ियों की बढ़ती अनुपलब्धता के कारण यह नियम बदला गया है।
टूर्नामेंट शुरू होने से पहले जिन खिलाड़ियों ने अनुबंध किया था, जैसे दिल्ली कैपिटल्स के सेदिकुल्लाह अटल, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के मयंक अग्रवाल और राजस्थान रॉयल्स के लुआन-ड्रे प्रीटोरियस और नंद्रे बर्गर, वे अब भी रिटेंशन के लिए पात्र रहेंगे। यह कदम बीसीसीआई द्वारा लीग की पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। इससे टीमों को लचीलापन मिलेगा, लेकिन नीलामी प्रक्रिया की निष्पक्षता भी बनी रहेगी।