ऋषभ पंत (फोटो-सोशल मीडिया)
लॉर्ड्स: भारत और इंग्लैंड के बीच एंडरसन-तेंदुलकर सीरीज का तीसरा मैच लॉर्ड्स में खेला जा रहा है। इस मुकाबले के पहले ही दिन भारतीय विकेटकीपर और उपकप्तान ऋषभ पंत को तर्जनी उंगली में चोट लग गई। जिसके बाद वो बाहर चले गए और उनकी जगह ध्रुव जुरेल ने विकेटकीपिंग का जिम्मा संभाला है। बीसीसीआई ने ऋषभ पंत के चोट को लेकर दूसरे दिन भी अपडेट दिया है।
जसप्रीत बुमराह की गेंद पर लेग साइड में एक वाइड गेंद को फील्ड करने की कोशिश में पंत चोटिल हो गए। ऐसा लग रहा था कि उनकी उंगली के उपर गेंद लगी है और वे दर्द से कराह रहे थे। फिजियो ने कुछ देर तक उनका इलाज किया और पवेलियन लौटने से पहले उन्होंने कुछ देर तक काम जारी रखा। जुरेल ने 36वें ओवर में विकेटकीपिंग की।
बोर्ड ने एक बयान में कहा कि ऋषभ पंत अभी भी अपनी बाईं तर्जनी उंगली की चोट से उबर रहे हैं। बीसीसीआई की मेडिकल टीम उनकी प्रगति पर नज़र रख रही है। ध्रुव जुरेल दूसरे दिन भी विकेटकीपिंग करते रहेंगे। वहीं दिन का खेल शुरू होने से पहले लॉर्ड्स से आई रिपोर्टों में बताया गया था कि पंत ज़्यादा विकेटकीपिंग अभ्यास नहीं कर रहे थे। इसके बजाय उन्होंने बल्लेबाजी कोच सीतांशु कोटक के साथ अभ्यास किया और कुछ शॉट खेलने में भी सहज नहीं दिखे।
UPDATE:
Rishabh Pant is still recovering from the hit on his left index finger. The BCCI medical team continues to monitor his progress. Dhruv Jurel will continue to keep wickets on Day 2.#TeamIndia | #ENGvIND pic.twitter.com/nwjsn58Jt0
— BCCI (@BCCI) July 11, 2025
पहले दिन उनकी अनुपस्थिति में जुरेल ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया और रविंद्र जडेजा की गेंद पर ओली पोप का एक शानदार कैच पकड़ा। इसके बाद जुरेल ने दूसरे दिन क्रिस वोक्स का कैच पकड़ा। भारत के लिए जुरेल ने विकेट के पीछे की जिम्मेदारी अच्छे से संभाली है।
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पंत की बल्लेबाज़ी में गैरमौजूदगी को लेकर भारतीय टीम को चिंता होगी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के नियमों के मुताबिक, जो खिलाड़ी सब्स्टीट्यूट (स्थानापन्न) के तौर पर आते हैं, वे बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी नहीं कर सकते। सिर्फ अगर खिलाड़ी को सिर में चोट (कन्कशन) लगी हो और उसकी जगह कोई आता है, तभी उसे ये करने की इजाज़त होती है।
मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के नियम 24.1.2 में कहा गया है कि कोई भी स्थानापन्न गेंदबाज़ी या कप्तानी नहीं कर सकता, लेकिन केवल अंपायरों की सहमति से ही विकेटकीपर की भूमिका निभा सकता है। पंत पहले मैच में हेडिंग्ले में भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ थे और एक टेस्ट में दो शतक लगाने वाले देश के पहले विकेटकीपर बने। दूसरे मैच में उन्होंने 25 और 65 रन बनाए और भारत ने सीरीज़ 1-1 से बराबर कर ली।