जेम्स एंडरसन और सचिन तेंदुलकर (फोटो- @BCCI)
भारत के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन ने 19 जून को भारत-इंग्लैंड सीरीज के लिए ट्रॉफी का औपचारिक रूप से अनावरण किया। भारत बनाम इंग्लैंड के बीच खेली जानी वाली पांच मैचों की सीरीज का नाम एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी रखा गया है। ये फैसला दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने किया।
ट्रॉफी में एंडरसन और तेंदुलकर की एक्शन की छवि है। इसके अलावा उनके उभरे हुए हस्ताक्षर भी हैं। महान बल्लेबाज तेंदुलकर ने एक दशक से भी अधिक समय पहले अपने 200वें टेस्ट के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। वहीं, एंडरसन ने अपना 188वां और आखिरी टेस्ट 2024 में खेला था। सचिन तेंदलुकर ने महज 16 साल की उम्र में इंटरनेशनल डेब्यू किया था। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 15,921 रन बनाए। इसके साथ ही इस फॉर्मेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी हैं।
तेंदुलकर ने इंग्लैंड के खिलाफ 32 टेस्ट मैचों में 51.73 के औसत से 2,535 रन बनाए हैं। उन्होंने 2002 में हेडिंग्ले में सर्वश्रेष्ठ 193 रन का स्कोर बनाया था। वहीं, स्विंग के महान गेंदबाजों में शुमार एंडरसन ने 704 टेस्ट विकेट झटके हैं जो किसी भी तेज गेंदबाज द्वारा लिए गए सबसे ज्यादा विकेट हैं। वो सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में केवल मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) और शेन वार्न (708 विकेट) से पीछे तीसरे स्थान पर हैं।
Two cricketing icons. One special recognition 🤝
The legendary Sachin Tendulkar and James Anderson pose alongside the new 𝘼𝙣𝙙𝙚𝙧𝙨𝙤𝙣-𝙏𝙚𝙣𝙙𝙪𝙡𝙠𝙖𝙧 𝙏𝙧𝙤𝙥𝙝𝙮 🏆#TeamIndia | #ENGvIND | @sachin_rt | @jimmy9 pic.twitter.com/4lDCFTud21
— BCCI (@BCCI) June 19, 2025
भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के लिए ट्रॉफी का अनावरण करते वक्त सचिन ने कहा कि उनके लिए टेस्ट फॉर्मेट हमेशा टॉप पर रहेगा। पूर्व भारतीय दिग्गज ने कहा ‘‘मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट जीवन का प्रतीक है जिसमें आप अपना सर्वश्रेष्ठ देते हो और अगर चीजें गलत हो जाती हैं तो इसमें आपको फिर से एक और दिन एकजुट होने, सोचने और वापसी का मौका देता है।”
इसके आगे सचिन ने कहा कि ‘‘यह खेल का शीर्ष प्रारूप है, जो आपको सभी बाधाओं से निपटने के लिए सहनशीलता, अनुशासन और अनुकूलनता सिखाता है। मैं टेस्ट क्रिकेट को अपनी नींव का श्रेय देता हूं क्योंकि इसने मुझे निराशाओं से जीत तक पहुंचाया और उम्मीदों को पूरा करते हुए दिखाया है।” इसके अलावा उनका ये भी मानना है कि टेस्ट फॉर्मेट के भविष्य के बचाने में इंग्लैंड और भारत में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।