
क्रिस गेल (फोटो- सोशल मीडिया)
IHPL 2025: श्रीनगर में क्रिकेट के नाम पर एक बड़ी अजीब घटना सामने आई है। यहां चल रही इंडियन हेवन प्रीमियर लीग (IHPL) में हिस्सा लेने पहुंचे क्रिस गेल, शाकिब अल हसन, तिसारा परेरा जैसे 32 से अधिक पूर्व इंटरनेशनल खिलाड़ियों के साथ बड़ा धोखा हुआ। टूर्नामेंट की शुरुआत तो भव्य तरीके से हुई, लेकिन अचानक सब कुछ बदल गया जब आयोजक होटल से रफूचक्कर हो गए और खिलाड़ियों को वहीं फंसा छोड़ दिया।
टूर्नामेंट की शुरुआत 25 अक्टूबर को हुई थी और इसमें अंतरराष्ट्रीय व घरेलू स्तर के लगभग 70 खिलाड़ी शामिल थे। लेकिन 2 नवंबर को खबर आई कि आयोजक बिना किसी को कुछ बताए होटल छोड़कर गायब हो गए। होटल और अन्य सेवाओं की कोई पेमेंट नहीं की गई थी, जिसके कारण खिलाड़ियों को होटल से बाहर जाने की अनुमति नहीं मिली।
बताया गया कि खिलाड़ियों को चेकआउट से रोक दिया गया, क्योंकि आयोजकों की तरफ से बिलों का भुगतान नहीं हुआ था। हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक क्रिस गेल 1 नवंबर को ही होटल से चेकआउट कर निकल गए थे, लेकिन बाकी खिलाड़ी फंसे रह गए।
टूर्नामेंट में अंपायर की भूमिका निभा रहीं मेलिसा जुनिपर ने बताया कि आयोजक बिना किसी सूचना के होटल छोड़कर चले गए। इसके बाद सभी खिलाड़ियों और अंपायरों ने मिलकर होटल प्रशासन से बातचीत की और समझौता किया ताकि वे अपने-अपने घर लौट सकें।
होटल अधिकारियों के मुताबिक, आयोजकों ने करीब 10 दिन पहले लगभग 150 कमरे बुक कराए थे, लेकिन कोई भुगतान नहीं किया गया। होटल प्रबंधन को उम्मीद थी कि भुगतान मैचों के बाद किया जाएगा, मगर आयोजक अचानक गायब हो गए।
जम्मू-कश्मीर की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले एक खिलाड़ी ने दावा किया कि आयोजकों ने टूर्नामेंट के खर्चे का सही अनुमान नहीं लगाया था। उन्होंने आशंका जताई कि स्पॉन्सर ने आखिरी समय पर हाथ खींच लिया, जिससे आयोजन की पूरी व्यवस्था बिखर गई। इस आर्थिक संकट के चलते आयोजकों को होटल और अन्य खर्चों का भुगतान करने में असमर्थता हुई और वे भाग गए।
जम्मू-कश्मीर खेल परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि इस लीग में सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने बताया कि टूर्नामेंट के अध्यक्ष ने परिषद से जरूरी सुविधाएं और पुलिस बल की मांग की थी, जो पूरी कर दी गई थी। साथ ही परिषद की फीस का भी भुगतान आयोजकों ने पहले ही कर दिया था। अधिकारी ने कहा कि लीग बंद होने के कारणों की जानकारी उन्हें नहीं है और यह पूरी तरह आयोजकों की जिम्मेदारी है।
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यह घटना अब चर्चा का विषय बन गई है। खिलाड़ी इस बात से बेहद नाराज हैं कि उन्हें बिना किसी गलती के ऐसी स्थिति में फंसा दिया गया। कई खिलाड़ियों ने इस मामले की जांच की मांग की है ताकि भविष्य में किसी टूर्नामेंट के नाम पर खिलाड़ियों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी दोबारा न हो।






