भारत के महान फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया (Bhaichung Bhutia Birthday) का आज यानी 15 दिसंबर को जन्मदिन है। उनका जन्म आज ही के दिन साल 1975 में सिक्किम के तिनकीतम में हुआ था। वह अपने शूटिंग स्किल्स के लिए काफी मशहूर थे। इसी वजह से उन्हें ‘सिक्किमी स्निपर’ के नाम से जाना जाता है। वहीं प्रसिद्ध भारतीय खिलाड़ी आई एम विजयन ने भूटिया को “भारतीय फुटबॉल के लिए भगवान का उपहार” की उपाधि दी हैं। वह अपने शानदार खेल के लिए दुनियाभर में मशहूर है। (फोटो क्रेडिट: बाइचुंग भूटिया इंस्टाग्राम)
बाइचुंग भूटिया के लिए फुटबॉल ही उनका प्यार था। उन्हें छोटी उम्र से ही फुटबॉल के प्रति बेहद लगाव था और इसी लगाव ने उन्हें भारत का सबसे बेहतरीन प्लेयर बनाया। बाइचुंग को महज़ 11 वर्ष की उम्र में ही ताशी नंग्याल अकादमी (गंगटोक) की ओर से फुटबॉल की साई स्कॉलरशिप मिल गई थी।
बाइचुंग ने अपना फुटबॉल करियर ईस्ट बंगाल क्लब के साथ शुरू किया था। जहां उन्होंने चार दौर आई लीग फुटबॉल टीम में बिताए।
भूटिया ने 1999 में इंग्लिश क्लब बरी ज्वाइन किया ऐसा करने वाले वे दूसरे ऐसे भारतीय बने जिसने यूरोप में प्रोफेशनली फुटबॉल खेला।
बाइचुंग की प्रतिभा का आकलन आप इसी बात से लगा सकते हैं कि एलजी एशियन क्लब 2003 में सर्वाधिक 9 गोल करके भूटिया ‘गोल्डन बूट’ से नवाजे गए थे।
2010 में उन्होंने बाइचुंग भूटिया फूटबॉल स्कूल की स्थापना दिल्ली में की। इसमें उनकी पार्टनरशिप कार्लोस क्वीरोज और नाइक के साथ है।
बाइचुंग भूटिया के अंतराष्ट्रीय फूटबॉल के खिताबों में ‘नेहरू कप’, ‘एलजी कप’, ‘एसएएफएफ चैंम्पियनशिप’ तीन बार और एएफसी चैलेंज कप शामिल हैं। उन्होंने बहुत से मेडल जीते हैं जिनमें ‘अर्जुन अवार्ड’ और ‘पद्मश्री’ शामिल हैं।
भूटिया भारत के सर्वाधिन मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं। 2009 में उन्होंने नेहरू कप में खेलने के दौरान अपनी 100वीं कैप हासिल की मतलब यह उनका 100वां मैच था। उन्होंने कुल 104 कैप (टोपी) हासिल की हैं।
फुटबॉल के अलावा भूटिया ने टीवी पर भी अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं। उन्होंने टीवी डांस रिएलिटी कार्यक्रम ‘झलक दिखला जा’ जीता था।
बता दें कि, बाईचुंग भूटिया के नाम पर स्टेडियम नामची में बना है, जो फुटबॉलर के जन्मस्थल से 25 किमी की दूरी पर है।
भूटिया ने अंतराष्ट्रीय फूटबॉल से 2011 के अगस्त में संन्यास ले लिया।
उनका आखिरी मैच 10 जनवरी 2012 को भारतीय नेशनल टीम और बायरेन मुनिक के बीच दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हुआ था।