किम्स किंग्सवे
जब चिकित्सा सेवा की बात आती है, तो लोग सर्वोत्तम की अपेक्षा रखते हैं और यही अपेक्षा नागपुर के एलआईसी चौक स्थित किम्स किंग्सवे हॉस्पिटल में पूरी होती है। ‘विदर्भ वाइब्रेंट’ के तहत हमारी मुलाकात मध्य भारत के सबसे बड़े अस्पताल सेटअप किम्स किंग्सवे के यूनिट हेड डॉ. तुषार गावड़ से हुई।
उन्होंने ‘नवभारत’ को बताया कि सेंट्रल इंडिया का यह प्रतिष्ठित अस्पताल विश्व स्तरीय चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहा है, जहां केवल विदर्भ ही नहीं, बल्कि देश-विदेश से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं। अत्याधुनिक तकनीक से लैस, अत्यधिक कुशल और दयालु चिकित्सा पेशेवरों की टीम के साथ, किम्स किंग्सवे स्वास्थ्य सेवा में उत्कृष्टता का प्रतीक बन चुका है।
चाहे मरीज नियमित जांच, विशेष उपचार या जटिल सर्जरी की आवश्यकता में हों, यह अस्पताल सेवाओं की एक व्यापक श्रृंखला प्रदान करता है, जो स्वास्थ्य, आराम और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। मरीज यहां निश्चिंत रह सकते हैं कि वे सुरक्षित हाथों में हैं और उनका स्वास्थ्य सर्वोपरि है।
डॉ. तुषार गावड़ बताते हैं कि एनएबीएच मान्यता प्राप्त 334 बेड वाला यह अस्पताल कार्डियोलॉजी, न्यूरोसाइंस, ऑन्कोलॉजी, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी, क्रिटिकल केयर, न्यूरो सर्जरी और इमरजेंसी मेडिसिन जैसी सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के कारण पूरे सेंट्रल इंडिया में एक विशेष पहचान बना चुका है। उनका विजन है कि यह अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा अस्पताल बना रहे। इसी उद्देश्य से इसे शीघ्र ही 500 बेड तक विस्तारित किया जाएगा।
वे यह भी कहते हैं कि हेल्थकेयर के बिना कोई भी क्षेत्र ‘वाइब्रेंट’ नहीं बन सकता। किम्स किंग्सवे न केवल चिकित्सा सेवाएं दे रहा है, बल्कि स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण व रोजगार, मेडिकल अवेयरनेस और स्वास्थ्य पर्यटन को भी बढ़ावा दे रहा है। हर दिन यहां 500 से अधिक ओपीडी मरीजों का इलाज होता है और 160 से अधिक बेड हमेशा भरे रहते हैं। प्रतिदिन लगभग 1,300 डायलिसिस, 300 कीमोथेरेपी और 300 से 400 एंडोस्कोपी की जाती हैं। करीब 50 से 60 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम मरीजों को सेवा दे रही है। आज इस अस्पताल की बदौलत लगभग 1,000 परिवारों का जीवनयापन हो रहा है।
डॉ. गावड़ बताते हैं कि ‘दा विंसी’ रोबोट सर्जरी के माध्यम से उन्नत और जटिल ऑपरेशंस किए जा रहे हैं। अब तक यहां 64 से अधिक रोबोटिक सर्जरी की जा चुकी हैं। यह एक महत्वपूर्ण नवाचार है, जिसने हेल्थ सेक्टर में क्रांति ला दी है। इस तकनीक से सर्जनों को अधिक सटीकता मिलती है, जिससे मरीजों को बेहतर परिणाम और तेज रिकवरी मिलती है।
रोबोटिक सर्जरी में छोटे चीरे लगाए जाते हैं, जिससे अंग को कम क्षति होती है, खून की हानि कम होती है और दर्द भी कम होता है। मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं और उन्हें अस्पताल में कम समय बिताना पड़ता है। सर्जरी के बाद की जटिलताएं और दर्द भी कम होते हैं। यह तकनीक तेजी से आगे बढ़ रही है और भविष्य में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यहां आने वाले मरीज और उनके परिजनों का विश्वास ही इस अस्पताल को ऑरेंज सिटी में इतनी जल्दी एक विशेष पहचान दिलाने में सहायक बना।
कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (KIMS) के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 13 से अधिक अस्पताल हैं, लेकिन उन्होंने तेलंगाना से बाहर विस्तार की पहल नागपुर से की। दिसंबर 2019 में शुरू हुए किंग्सवे हॉस्पिटल के साथ साझेदारी कर किम्स किंग्सवे की स्थापना एक नए विजन के साथ की गई। डॉ. गावड़ बताते हैं कि उनका यही विजन था कि यह मध्य भारत का सबसे बड़ा अस्पताल बने। इसके लिए नए डॉक्टरों के साथ अत्याधुनिक तकनीक लाई गई। आज यह अस्पताल उन्नत सुविधाएं देने में अग्रणी है।
मरीजों की बढ़ती संख्या और शहर में ही अत्याधुनिक चिकित्सा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक और अस्पताल खोलने का विजन है। अगले 3 से 5 वर्षों में नागपुर में किम्स किंग्सवे के दो अस्पताल होंगे।
मिहान, समृद्धि हाईवे जैसे प्रोजेक्ट्स और भारत के केंद्र में स्थित होने के कारण नागपुर की महत्ता लगातार बढ़ रही है। यहां की रोड कनेक्टिविटी तो बेहतर है, लेकिन यदि अंतरराष्ट्रीय एयर कनेक्टिविटी में सुधार हो, तो यहां मेडिकल टूरिज्म का विस्तार संभव है। फिलहाल दोहा और कतर को छोड़कर अन्य देशों के लिए सीधी उड़ानों की कमी के कारण मरीज मुंबई, दिल्ली या हैदराबाद चले जाते हैं, जिससे यहां का बिजनेस डायवर्ट हो जाता है। बेहतर कनेक्टिविटी से मरीजों को उन शहरों की तुलना में किफायती इलाज नागपुर में ही मिल सकता है।
डॉ. गावड़ कहते हैं कि आज लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रति जागरूक होना बेहद जरूरी है। जानकारी के अभाव में कई लोग बेहतर इलाज नहीं करवा पाते। बहुत कम खर्च में भी हेल्थ पॉलिसी ली जा सकती है, जिससे इलाज में जीवन की पूंजी को बचाया जा सकता है। किम्स किंग्सवे सीजीएचएस, पिपिए के साथ ही कॉर्पोरेट्स व इंश्योरेंस नेटवर्क के माध्यम से मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध करवा रहा है।