
ट्रंप ने अपना अज्ञान दिखाया (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हिस्ट्री बहुत वीक है।उन्होंने अपने अज्ञान का परिचय देते हुए कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के साथ मिलकर 1,000 वर्ष पुरानी कश्मीर समस्या का समाधान खोजना चाहेंगे।ट्रंप को मालूम होना चाहिए कि कश्मीर की समस्या 1947 में हुए विभाजन के बाद शुरू हुई।इसके पहले कश्मीर में डोगरा राजाओं का शासन था।महाराजा रणजीत सिंह के समय सिखों का भी वहां वर्चस्व रहा।एक समय कश्मीर में ललितादित्य का भी राज था।कश्मीर कश्यप ऋषि की भूमि है।
भगवान राम के बेटे कुश का वहां शासन था.’ हमने कहा, ‘ट्रंप बिल्डर बिजनेसमैन रहे और बाद में राजनीति में आ गए।उन्हें हिस्ट्री पढ़ने-समझने का मौका ही नहीं मिला।उन्हें ज्ञान से नफरत है इसीलिए उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की ग्रैंट रोक दी।77 वर्ष पहले पाकिस्तान बनने के बाद कश्मीर की समस्या पैदा हुई।इसमें 1,000 साल कहां से आ गए? मोहम्मद अली जिन्ना की जिद की वजह से पाकिस्तान बना।अंग्रेज जाते-जाते भारत के टुकड़े कर गए।पाकिस्तान को एंग्लो-अमेरिकन साम्राज्यवाद की नाजायज औलाद कहा जाता है।’
पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, ट्रंप अपना ट्रंपेट या तुरही बजाते हुए कह रहे हैं कि मैं भारत और पाकिस्तान के मजबूत शक्तिशाली और अडिग नेतृत्व पर गर्वित हूं जिन्होंने यह समझने के लिए बुद्धिमानी और धैर्य का परिचय दिया कि यह समय आक्रमण रोक देने का है।ट्रंप का यह कथन शक्तिशाली भारत और पिद्दी पाकिस्तान को बराबर बतानेवाला है।पाकिस्तान में बुद्धिमानी होती तो वह पहलगाम में आतंकियों को भेजकर दरिंदगी नहीं करवाता।पाक का नेतृत्व खोखला और ढुलमुल है।वहां राजनेता सेना की कठपुतली हैं भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथे नंबर की इकोनॉमी बनने जा रहा है जबकि पाकिस्तान भिखारी और कंगाल है।
उसे दी जानेवाली भीख सीधे आतंकवादियों के कटोरे में जाती है।आईएमएफ ने उसे 1 अरब डालर का लोन दिया जिससे वह अपने खंडहर हो चुके एयरपोर्ट सुधारेगा फिर से नए आतंकी तैयार करेगा और बाकी रकम फौजी जनरलों की जेब में जाएगी।कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी ही रहेगी।नीम को शहद से भी सींचो तो मीठी नहीं हो सकती।बबूल के पेड़ में आम के फल नहीं लगा करते।’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा






