पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे लेकिन अभी से नेताओं में भविष्य में झांकने और बड़े-बड़े दावे करने की होड़ लग गई है। सभी ज्योतिषाचार्य बन गए हैं और खुद को अंतर्यामी मानने लगे हैं। यह तो ईश्वर ही जानता है कि नतीजा क्या होगा। एक गीत में इस अनिश्चितता को बयान करते हुए कहा गया है- इब्तदा-ए-इश्क में हम सारी रात जागे, अल्ला जाने क्या होगा, मौला जाने क्या होगा आगे!’’
हमने कहा, ‘‘अपनी सोच की बुनियाद पर दावे-प्रतिदावे करने का हर किसी को पूरा हक है। प्रधानमंत्री मोदी के समान मन की बात कोई नहीं कह सकता। उन्होंने अभी से बता दिया कि हम पहले ही मेजारिटी पार कर चुके हैं और अब 400 पार की ओर बढ़ रहे हैं। दूसरी ओर बीजेपी के ‘अब की बार 400 पार’ के नारे को लेकर कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि सामान्य बहुमत से काम चल सकता है लेकिन बीजेपी 400 से ज्यादा सीटें इसलिए चाहती है ताकि संविधान बदल सके।’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘राजनीति में घात-प्रतिघात तो चलता ही है। राकां अध्यक्ष शरद पवार ने अभी से समविचारी दलों को लेकर गैर-भाजपा सरकार बनाने का सपना देखना शुरू कर दिया है। उनका दावा है कि राहुल गांधी की इमेज बदल गई है। वह लोगों की समस्याओं को बेहतर ढंग से समझ रहे हैं।’’
हमने कहा, ‘‘पवार के विचार अपनी जगह हैं। प्रधानमंत्री मोदी को बीजेपी तपस्वी और साधक मानती है। मोदी ने कहा है कि यदि कांग्रेस जीती तो प्रधानमंत्री निवास में आतंकवादियों को बिरयानी खिलाई जाएगी। मेरे 10 वर्षों में किए गए काम को मटियामेट कर दिया जाएगा। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी बिजली काट देंगे और ग्रामीण इलाकों के नल कनेक्शन काट देंगे। यूपी के शहजादे अखिलेश यादव वापस गुंडाराज लाना चाहते हैं। जिन लोगों ने 60 साल कुछ भी नहीं किया वो लोग मोदी को तीसरी बार सत्ता में आने से रोकना चाहते हैं।’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘यदि मोदी श्योर हैं कि 400 से ज्यादा सीटें आएंगी तो कांग्रेस और सपा से इतने आशंकित क्यों हैं? वो काल्पनिक बातों को लेकर जनता को क्यों डरा रहे हैं?’’ हमने कहा, ‘‘एक दूसरे पर आरोप लगाना यही तो राजनीति है। नेताओं का काम जनता को बहकाना, खुद को दूध का धुला और प्रतिपक्षी को कीचड़ से सना बताना है। वैसे ये पब्लिक है, सब जानती है।’’