डोनाल्ड ट्रंप (डिजाइन फोटो)
नवभारत डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, अमेरिका में सब कुछ उल्टा-पुल्टा है। वहां का ट्रैफिक राइट साइड से चलता है। सभी गाड़ियां लेफ्ट हैंड ड्राइव होती हैं। वहां रहनेवाला व्यक्ति भारत आने पर कार चलाने से डरता है। अमेरिका के घरों में बिजली के स्विच उल्टे होते हैं। ऑन करना है तो नीचे से दबाना पड़ता है। वहां कॉलेज में पढ़ने के बाद लोग स्कूल में जाते हैं जैसे मेडिकल स्कूल, स्कूल आफ इकोनामिक्स, लॉ स्कूल आदि। वहां करन्सी नोट का बिल कहते हैं।”
पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘चालान काटने को टिकट देना कहा जाता है। दूरी को किलोमीटर में नहीं मील या माइल्स में दिखाया जाता है। एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी मिनटों या घंटों में बताने का रिवाज है जैसे कि जस्ट 2 आवर्स अवे! पूरे अमेरिका में 4 टाइम जोन हैं जहां अलग-अलग समय रहता है। न्यूयार्क और कैलिफोर्निया के टाइम में 2 घंटे का अंतर होता है। हमारे यहां प्रधानमंत्री अपनी लोकप्रियता के बल 3 बार भी पद संभाल लेता है। अमेरिकन प्रेसीडेंट ज्यादा से ज्यादा 2 टर्म अर्थात 8 वर्ष अपने पद पर रह सकता है।’’
हमने कहा, ‘‘आप तो नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प को भी उल्टी खोपड़ीवाला कहेंगे जिन्होंने अपने पदग्रहण समारोह को खुली जगह में न रखते हुए कैपिटल बिल्डिंग के रोटुंडा यानी सेंट्रल हॉल में रखने का निर्णय लिया है। इससे ट्रम्प के 2,20,000 समर्थकों में भारी निराशा छा गई है। उन्होंने इस समारोह में उपस्थित रहने के लिए महंगे टिकट ले रखे थे जिसकी रकम वापस नहीं की जाएगी। नेशनल मॉल में 1 लाख कुर्सियां लगाने का प्लान भी कैंसल कर दिया गया।’’
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पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, जब वाशिंगटन डीसी में माइनस 10 डिग्री तापमान हो तो खुले आसमान के नीचे शपथ कैसे ली जा सकती है? इसके अलावा जब अपने घर में सैफ अली खान भी सेफ नहीं हैं तो खुली जगह में ट्रम्प कैसे सुरक्षित होंगे? प्रचार अभियान के दौरान बंदूक की गोली उनका कान छूकर निकल गई थी। इसलिए हॉल के भीतर शपथ लेना सुरक्षित रहेगा। मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (मागा) के ट्रम्प समर्थक निराश होते हैं तो होते रहें। कनाडा और ग्रीनलैंड को अमेरिका में शामिल करने की बात कहनेवाले ट्रम्प कैपिटल की सीढ़ियों पर भी शपथ नहीं ले सकते।’’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा