(डिजाइन फोटो)
न जाने अरविंद केजरीवाल को क्या सूझी, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक से 5 सवाल पूछ डाले। यह सारे प्रश्न राजनीतिक किस्म के हैं जिनका संघ प्रमुख से कोई लेना-देना नहीं है। संघ स्वयं को राजनीति से अलिप्त सांस्कृतिक संगठक बताता है। इतना अवश्य है कि उसके जो भी स्वयंसेवक राजनीति में जाना चाहते हैं वो बीजेपी में ही शामिल होते हैं, अन्य किसी पार्टी में नहीं! यद्यपि संघ को बीजेपी का अभिभावक संगठन माना जाता है लेकिन आमतौर पर संघ बीजेपी के कामकाज में अनावश्यक हस्तक्षेप नहीं करता और बिनमांगी सलाह भी नहीं देता।
बीजेपी में ऐसे भी कुछ नेता हैं जो संघ बैकग्राउंड के नहीं हैं। केजरीवाल सब कुछ जानते हुए भी राजनीतिक विवाद में संघ प्रमुख को उलझाना चाहते हैं। उनके सवालों का उत्तर देने के लिए सरसंघचालक कदापि बाध्य नहीं हैं। केजरीवाल का संघ प्रमुख से सवाल है कि क्या वे सरकारों को गिराने के लिए ईडी व सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने की धमकी देनेवाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तौर-तरीकों से सहमत हैं? क्या अत्यंत भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल करने के मोदी के कदम से आरएसएस सहमत है?
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क्या भागवत ने मोदी को ऐसे गलत काम करने से कभी रोका? जब बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि अब बीजेपी को आरएसएस की जरूरत नहीं रह गई है तो आपके दिल पर क्या बीती? मोदी को कब रिटायर किया जाएगा? जब 75 साल से अधिक होने से लालकृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी और कलराज मिश्र जैसे नेताओं को रिटायर कर दिया तो यह नियम मोदी पर क्यों लागू नहीं होता?
गृहमंत्री अमित शाह कह रहे हैं कि यह नियम मोदी पर लागू नहीं होगा। इसका जवाब दीजिए। केजरीवाल को समझना चाहिए कि 75 वर्ष में राजनीति से रिटायरमेंट का नियम आरएसएस ने नहीं बनाया।
इसलिए संघ प्रमुख से इसका जवाब क्यों मांगा जाए? यह नियम बीजेपी ने बनाया था। मोदी पार्टी के लिए अपरिहार्य होने से उन पर यह नियम लागू नहीं होता। यह बीजेपी को तय करना है कि किसे रिटायरमेंट दे और किसे नहीं? एक राजनीतिक पार्टी के रूप में बीजेपी अपने तरीके से काम करती है। वह संघ से पूछ-पूछ कर कदम नहीं उठाती।
मोदी के नोटबंदी, जीएसटी जैसे फैसलों तथा विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्यवाही जैसे कदमों से आरएसएस का संबंध नहीं है। समय-समय पर भागवत किसी का नाम लिए बगैर नसीहत देते रहते हैं लेकिन बीजेपी के दैनिक कार्यकलाप में संघ की कोई दखलंदाजी नहीं है।
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा