अहमदाबाद विमान हादसा (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: हादसों पर किसी का वश नहीं होता। एक हृदय विदारक स्तब्ध कर देने वाली दुर्घटना पल भर में सैकड़ों जिंदगियों को लील जाती है। अहमदाबाद से लंदन जानेवाले विमान यात्रियों को तनिक भी अहसास नहीं था कि अपने ही शहर के आसमान में काल उन पर झपट्टा मारने की ताक में था। एयर इंडिया का सबसे बढि़या व उन्नत विमान ड्रीम लाइनर 787 के उड़ान भरते ही क्रैश हो जाने की घटना आश्चर्यजनक है क्योंकि पूरी जांच पड़ताल के बाद ही विमान को उड़ने की अनुमति दी जाती है इसलिए विमान में तकनीकी खराबी आने या इंजन फेल होने का सवाल ही नहीं उठता।
दूसरी बात यह कि विमान को उड़ानेवाले पायलट व को-पायलट दोनों ही काफी कुशल एवं अनुभवी थे फिर भी टेक ऑफ के बाद यह विमान ऊंचाई पकड़ने की बजाय नीचे आता चला गया और एयरपोर्ट परिसर में ही एक बहुमंजिला इमारत से टकराकर आग का गोला बन गया। बड़ी-बड़ी लपटों और काले धुएं से आसमान भर गया। क्या इस दुर्घटना के बाद एयरपोर्ट के आसपास इमारतों की ऊंचाई सीमित रखने का कानूनी निर्देश दिया जाएगा? क्या मौसम की प्रतिकूलता, हवा की दिशा विमान की उड़ान में बाधक थी? तकनीकी जांच से ही दुर्घटना की वजह सामने आएगी। लंबी फ्लाइट की वजह से विमान में भरपूर ईंधन था इसलिए क्रैश होते ही उसमें भयानक आग लग गई।
विमान में 230 यात्री और चालक दल के 12 सदस्य इस तरह कुल 242 लोग सवार थे। इनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी थे जो अपनी बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। ऐसे हादसे में किसी का भी बचना नामुमकिन होता है। जिस इमारत से प्लेन टकराया, वहां के लोगों का भी बचना मुश्किल था। विमान चालक के अंतिम शब्द एयर पोर्ट के कंट्रोल रूम में सुने गए होंगे व ब्लैक बॉक्स में रिकार्ड होंगे। जब दुर्घटना अवश्यंभावी हो जाती है तो पायलट मे-डे कहते हैं।
क्या किसी तकनीकी खराबी की वजह से विमान टेक ऑफ के बाद आवश्यक ऊंचाई तक न जाते हुए अचानक नीचे आया और पायलट के नियंत्रण से बाहर हो गया? इसके पहले भी 7 अगस्त 2020 को एयर इंडिया का विमान केरल के कोडिकोड में रनवे से फिसल कर क्रैश हो गया था जिसमें 21 यात्रियों की मौत हुई थी व 110 घायल हुए थे। इसमें वंदे भारत मिशन के तहत भारतीयों को दुबई से केरल लाया गया था। भारी बारिश में हुई उस दुर्घटना में विमान 2 टुकड़ों में टूट गया था।
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा