ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी का पूजन (सौ.सोशल मीडिया)
Navratri 2nd Day 2025, Maa Brahmacharini : आज 23 सितंबर 2025 को शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है। यह दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरुप माता ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना के लिए समर्पित हैं। मां ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र में सुशोभित हैं। माता के दाहिने हाथ में जप माला और बाएं हाथ में कमण्डल है। देवी का ये स्वरूप अत्यंत ज्योतिर्मय है।
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं। इसलिए इनकी पूजा से मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव कम हो जाते हैं। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के समय ‘ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः’ मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। यहां आप जानेंगे मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि और इससे जुड़ी सबकुछ।
नवरात्रि के दूसरे दिन यानि 23 सितंबर को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 54 मिनट से लेकर 5 बजकर 41 मिनट तक है। इसके बाद दोपहर को 12 बजकर 8 मिनट से लेकर 12 बजकर 56 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम।।
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को चीनी का भोग लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि चीनी के भोग से व्यक्ति को लंबी आयु प्राप्त होती है और रोगो से छुटकारा मिलता है।
हिन्दू धर्म में मा ब्रह्मचारिणी पूजा का विशेष महत्व हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से ज्ञान बढ़ता है और सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। माता ब्रह्मचारिणी ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों पर हमेशा कृपा बनाए रखती हैं और आशीर्वाद देती हैं।
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ऐसी मान्यता है कि माता के आशीर्वाद से हर कार्य पूरे हो जाते हैं और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। माता की आराधना करने से जीवन में संयम, बल, सात्विक, आत्मविश्वास की बढ़ता हैं। माता की शक्ति के प्रभाव से शरीर के सभी रोग दूर होते हैं और जीवन में उत्साह व उमंग के साथ-साथ धैर्य व साहस का समावेश होता है।