देश के हर हिस्से में दिखती है नवरात्र की धूम (सौ.सोशल मीडिया)
Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत पूरे देश भर में हो गई है। इस पर्व को लेकर लोगों में अलग उत्साह और उमंग देखी जा रही है। भक्त गण मां दुर्गा की भक्ति में सराबोर होकर मां की भक्ति कर रहे है। अगर बात नवरात्रि त्योहार की करें तो हिन्दू धर्म में नवरात्रि का त्योहार बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ पूरे देशभर में मनाया जाता है। क्योंकि, भारत विविधताओं वाला का देश है और यही विविधता हमारे त्योहारों में भी झलकती है।
नवरात्र उन्हीं त्योहारों में से एक है, जो पूरे देश में बड़े उत्साह और भक्ति भाव से मनाया जाता है। यह पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को लिए समर्पित है। लेकिन हर राज्य की अपनी अलग परंपरा और रंगत इसमें देखने को मिलती है।
भारत के अलग-अलग राज्यों में नवरात्र की बड़ी अनोखी झलक देखने को मिलती है। उत्तर भारत के राज्यों में नवरात्र अलग तरीके से मनाई जाती है, तो वहीं पश्चिम में उसकी धूम देखते ही बनती है। आइए जानते हैं कि भारत के अलग-अलग हिस्सों में नवरात्र कैसे मनाई जाती है।
अगर बात नवरात्र की धूम की करें तो पश्चिम बंगाल में नवरात्र का सबसे बड़ा आकर्षण दुर्गा पूजा है। यहां भव्य पंडाल सजाए जाते हैं जिनमें मां दुर्गा की शानदार प्रतिमाएं स्थापित होती हैं। पांच दिनों तक पूजा-अर्चना, सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य और संगीत का आयोजन होता है। पंडाल हॉपिंग करना लोगों के लिए एक खास अनुभव बन जाता है। विजया दशमी पर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन गंगा या अन्य नदियों में किया जाता है।
नवरात्र की धूम पश्चिम बंगाल के बाद गुजरात में भी खूब देखा जाता है। गुजरात की नवरात्र गरबा और डांडिया के लिए दुनियाभर में मशहूर है। यहां लोग रातभर पारंपरिक पोशाक पहनकर मां अम्बा की आराधना करते हुए नृत्य करते हैं। पूरे नौ दिनों तक शहरों और गांवों में गरबा के कार्यक्रम होते हैं और हर उम्र के लोग इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं।
असम और त्रिपुरा जैसे राज्यों में नवरात्र को दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। यहां भी बड़े-बड़े पंडाल और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। असम में कामाख्या मंदिर में खास पूजा का आयोजन होता है, जो श्रद्धालुओं के लिए बेहद खास होता है।
अगर बात महाराष्ट्र की करें तो महाराष्ट्र में भी नवरात्र का खास महत्व है। यहां लोग देवी मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और घरों में घट स्थापना की जाती है। नौ दिनों तक परिवारजन व्रत रखते हैं और देवी को प्रसाद चढ़ाते हैं। महाराष्ट्र के कई हिस्सों में डांडिया और गरबा का आयोजन भी देखने को मिलता है।
दक्षिण भारत में नवरात्र का रूप थोड़ा अलग है। कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में बोम्मई गोलु या गोलु की परंपरा होती है, जिसमें घरों में लकड़ी की सीढ़ियों पर देवी-देवताओं और पौराणिक कथाओं की झांकियां सजाई जाती हैं। कर्नाटक के मैसूर में मैसूर दशहरा का भव्य आयोजन होता है, जहां पूरे शहर को सजाया जाता है औ खास कार्यक्रम होते हैं।
ये भी पढ़ें-नवरात्रि व्रत में इन उपायों के करने से प्रसन्न होंगी देवी मां, कष्टों से मिलेगी मुक्ति
उत्तर भारत के कई राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और बिहार में नवरात्र के दौरान रामलीला का आयोजन होता है। रामायण की कथा को मंच पर दिखाया जाता है और दशहरे के दिन रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाता है। वहीं, घर-घर में भक्तगण मां दुर्गा की पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं और अष्टमी या नवमी को कन्या पूजन की परंपरा निभाई जाती है।